Covid Vaccine: भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रॉयल के लिए की 23,000 वॉलेंटियर्स की भर्ती
नई दिल्ली। दवा बनाने वाली घरेलू कंपनी भारत बायोटेक ने कहा कि वह कोविड-19 के अपने टीके 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण के नैदानिक (क्लिनिकल) परीक्षण के लिए देशभर में करीब 26 हजार स्वयंसेवक जुटाने का लक्ष्य पाने की राह पर है। कंपनी ने कहा कि पहले ही परीक्षण के लिए 23 हजार स्वयंसेवक उससे जुड़ चुके हैं।
कंपनी का यह बयान भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति के द्वारा आपातकालीन स्थिति में कोवैक्सीन के सीमित उपयोग की मंजूरी दिए जाने की सिफारिश के बाद आया है। भारत बायोटेक के वैक्सीन के लिए यह सिफारिश के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड के आपातकालीन उपयोग के आवेदन को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद की गई है।
भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और फाइजर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास अपने संबंधित टीकों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी शनिवार को यह पुष्टि की कि सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत में कोविशील्ड के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति देने की सिफारिश की है, जो कई नियामक शर्तों के अधीन है।
मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ के एसईसी ने 1 और 2 जनवरी को बैठक कीं और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को मंजूरी पर विचार करने और इस पर अंतिम निर्णय के लिए सिफारिशें भेजीं। कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने अतिरिक्त डाटा, तथ्य और विश्लेषण सौंपे जाने के बाद हैदराबाद स्थित फ़ार्मास्युटिकल फर्म के टीके के आपातकालीन उपयोग संबंधी आवेदन पर शनिवार को फिर से विचार-विमर्श किया। भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष अर्जी दाखिल की थी।
एसईसी ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोनावायरस रोधी टीके 'कोविशील्ड' के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी। एसईसी ने शनिवार को भारत बायोटेक के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के आवेदन पर फिर से विचार किया, जब ईयूए ने अपने अद्यतन डेटा और इसका औचित्य प्रस्तुत किया और कोरोनावायरस के नए संक्रमण के उभरने की घटनाओं के मद्देनजर उनके प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि समिति ने एक व्यापक एहतियात के रूप में सार्वजनिक हित में आपातकालीन स्थिति में इसके सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक को अनुमति देने की सिफारिश की। (भाषा)