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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 28 नवंबर 2020 (09:55 IST)

Exclusive:हर्ड इम्युनिटी कोरोना से बचाव के लिए फुलप्रूफ नहीं,बोले ICMR के पूर्व निदेशक डॉ. रमन गंगाखेडकर,मास्क से लगेगा महामारी पर ब्रेक

पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से वेबदुनिया की Exclusive बातचीत

Exclusive:हर्ड इम्युनिटी कोरोना से बचाव के लिए फुलप्रूफ नहीं,बोले ICMR के पूर्व निदेशक डॉ. रमन गंगाखेडकर,मास्क से लगेगा महामारी पर ब्रेक - Exclusive :Herd immunity not full proof to protect Covid-19 virus,says former Director of ICMR Dr. Raman Gangakhedkar
भारत के अधिकांश राज्य इस समय कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में है। ठंड की दस्तक के साथ ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में अचानक से तेजी से इजाफा आ रहा है। कोरोना वायरस के बेकाबू होने के बीच सुखद खबर वैक्सीन के मोर्चे से भी आ रही है। दुनिया के साथ देश में भी इस समय कई कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने की दहलीज पर खड़ी हुई है। कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तीसरे स्टेज पर है और खुद देश के स्वास्थ्य मंत्री जल्द ही कोरोना वैक्सीन आने की बात कह चुके है। देश में इस समय भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’ और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ‘कोविशिल्ड वैक्सीन’ का ट्रायल तीसरे स्टेज पर चल रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी।
 
कोरोना वैक्सीन को लेकर हो रहे बेसब्री से इंतजार के बीच ‘वेबदुनिया’ ने कोरोना (Covid-19) के खिलाफ देश की लड़ाई में नेतृत्व करने वाले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महामारी विज्ञान प्रभाग के प्रमुख रहे पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
 
कोरोना की वैक्सीन निश्चित आएगी- कोरोना से लड़ने के लिए देश और दुनिया में जो भी वैक्सीन तैयार हो रही है उनके ट्रायल के जो रिजल्ट आ रहे है वह अब वैक्सीन को लेकर हमारी आशा को निश्चित तौर पर बढ़ा रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन आएगी इसमें कोई शक नहीं है और भारत जो वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग बनाने का इंडस्ट्रियल पॉवर हाउस है उसको कोरोना की वैक्सीन निश्चित तौर पर मिलेगी।
 
जहां तक बात देश में बन रही कोरोना वैक्सीन की है तो भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ की बात है तो उसके तीसरे फेज (चरण) का रिजल्ट अभी आना बाकी है,अगर तीसरे फेज के ट्रायल के रिजल्ट अच्छे रहे तो वह हमारे लिए बहुत अच्छी बात रहेगी क्योंकि यह हमारे यहां बनी वैक्सीन है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सकेगी। इसी तरह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल भी तीसरे स्टेज पर चल रहा है।
 
वैक्सीन देगी वायरस से लड़ने की प्रोटेक्ट इम्युनिटी- ‘वेबदुनिया’ से बात करते हुए डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि जब तक हम अपने आप को वैक्सीन नहीं दे पाएंगे तब हमको इंफेक्शन से बचना होगा और वैक्सीन ही हमको कोरोना वायरस के खिलाफ प्रोटेक्ट इम्युनिटी (प्रतिकार) दे पाएगा। 
डॉक्टर रमन आगे कहते हैं कि हर व्यक्ति को चाहिए कि उसको जब तक वैक्सीन नहीं मिलती है तब तक उसको अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए। हर व्यक्ति को कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पूरी तरह से पालन करके अपने आप को और अपने घर के सदस्यों को भी सुरक्षित रखना चाहिए। वह कहते हैं कि जब आप खुद कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करेंगे तो आपको देखकर आपके घर वाले और आपके दोस्त भी उसी ढंग का बर्ताव करेंगे। 
 
मास्क से महामारी की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक– ‘वेबदुनिया’ से खास बातचीत में वरिष्ठ साइंटिस्ट डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क और कोविड प्रोटोकॉल का पालन एक अचूक हथियार है। 
 
वह कहते हैं कि कोरोना के नए इंफेक्शन को चालीस फीसदी केवल हम मास्क लगाने से ही कम कर सकते है। वहीं अगर दोनों लोग मास्क लगाते हैं तो इंफेक्शन होने का डर बहुत ही कम हो जाता है। वह कहते हैं कि अगर आज आप लोगों से मिलना चाहते हैं तो मास्क जरूर पहने और कम से कम छह फीट का डिस्टेंस बना कर रखिए। इसके बाद अगर आप लोगों से मिलते और बात करते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी। अगर आप इसका पालन नहीं करेंगे तो आप खुद अपने को कोरोना संक्रमित करने के लिए जिम्मेदार होंगे,यह कोई अच्छी बात नहीं है। 
 
हर्ड इम्युनिटी कोरोना से बचाव के लिए फुलप्रूफ नहीं- कोरोना वायरस के तेजी से फैलाव के बीच देश में कई इलाको से हर्ड इम्युनिटी की आ रही खबरों को लेकर 'वेबदुनिया' से बातचीत में ICMR के पूर्व निदेशक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि देश में इन दिनों हर्ड इम्युनिटी को लेकर जो भी रिपोर्ट आ रही हैं,वह छोटे-छोटे इलाको से आ रही हैं, अगर मान लिया जाए कि इन छोटे इलाकों में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी प्रिविलेंस रेट (ANTIBODY PREVALENCE RATE) अधिक दिख रहा है तब भी आप कोरोना संक्रमण को लेकर निश्चिंत नहीं हो सकते हैं क्योंकि आप केवल उसी एरिया में नहीं सीमित रह सकते है औ न ही यह कह सकते हैं कि मैं सिर्फ उसी एरिया में घूमता-फिरता हूं। अगर आप अपने काम से उस एरिया भी छोड़ कर बाहर निकलेंगे तो आपके कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का खतरा रहेगा।
 
अगर आपको लग रहा है कि हर्ड इम्युनिटी रही है और मैं कुछ करू तो यह गलत रहेगा क्योंकि बाहर सभी जगह इसी तरह एंटीबॉडी को प्रिविलेंस ज्यादा रहेगा यह समझना गलत होगा। सरकार जब आपको बार-बार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने को बोल रही है तो हमको इसको मानना चाहिए और जब तक वैक्सीन नहीं मिलती तब तक हमको नेगेटिव रहने की कोशिश करना है,यह हम सबको याद रखना होगा। 
 
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