Omicron का खतरा, क्या Corona रोधी टीकों में किया जा सकता है बदलाव? AIIMS निदेशक रणदीप गुलेरिया का बड़ा बयान
पुणे। कोरोनावायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन (omicron) वैरिएंट को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच एम्स के निदेशक का बड़ा बयान आया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि वायरस के नए स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोविड-19 रोधी टीकों में बदलाव किया जा सकता है। गुलेरिया की यह टिप्पणी कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर चिंताओं के मद्देनजर आई है।
डॉ. गुलेरिया ने रविवार को यहां कहा कि हालांकि, यह कोविड-19 का एक नया स्वरूप है, लेकिन उम्मीद की किरण यह है कि यह एक हल्की बीमारी लगती है और जहां तक टीके का सवाल है तो हमारे पास सुरक्षा होनी चाहिए । मुझे लगता है कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि टीके में बदलाव किये जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास दूसरी पीढ़ी के टीके होंगे। यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें ध्यान में रखने की जरूरत है। मौजूदा टीके प्रभावी हैं, लेकिन नए स्वरूप के साथ, उनकी प्रतिरक्षा में कमी आएगी, हालांकि टीकों में बदलाव किया जा सकता है। वे एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा यहां महाराष्ट्र में आयोजित डॉ. वीएस प्रयाग मेमोरियल ओरेशन 2021 में बोल रहे थे।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा उपलब्ध कराए गए निगरानी आंकड़ों के आधार पर एक नया टीका (सामान्य बीमारियों के लिए) बनाया जाता है, इसलिए इसे करना आसान होता है।
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप का सबसे पहले पता 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में चला था, भारत में इसके पहले 2 मामले कर्नाटक में 2 दिसंबर को सामने आए थे। भारत में रविवार तक ओमीक्रोन के 153 मामले सामने आ चुके थे।