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Last Modified: सोमवार, 11 मई 2020 (18:23 IST)

उत्तरप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 3520 मामले, 53 नए मामले सामने आए

Corona virus | उत्तरप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 3520 मामले, 53 नए मामले सामने आए
लखनऊ। उत्तरप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 53 नए मामले सामने आने से सोमवार को राज्य में कुल मामले बढ़कर 3520 हो गए।
 
प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां कहा कि प्रदेश में अब तक 72 जिलों से 3520 प्रकरण संक्रमण के आए हैं। कुल 1655 लोग पूर्णतया उपचारित हो चुके हैं। कुल 79 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। ऐसे मरीजों की संख्या 1786 है जिनका अभी इलाज चल रहा है।
प्रसाद ने कहा कि जो लोग 'आरोग्य सेतु' ऐप का लगातार उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए जो भी एलर्ट आ रहे हैं, हम लोगों को भेज रहे हैं। एक समानान्तर व्यवस्था भी की गई है। जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, उन्हें लगातार हमारे नियंत्रण कक्ष से फोन किया जा रहा है। अब तक 2058 ऐसे लोगों को फोन किया जा चुका है और उनमें से 9 कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए। इस समय उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
 
प्रमुख सचिव ने कहा कि बाकी लोगों को हम नियंत्रण कक्ष के माध्यम से बता रहे हैं कि वे सावधान रहें। अपनी सेहत का लगातार मूल्यांकन करें। ढेर सारे लोगों ने बताया कि उनकी तबियत अब ठीक है।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया जा सकता है, जहां खांसी, सांस लेने में दिक्कत या बुखार जैसे लक्षणों को लेकर सलाह ले सकते हैं। जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञ बताएंगे कि जाकर जांच कराइए और अगर संक्रमण पाया गया तो चिकित्सा की व्यवस्था भी होगी। जांच और चिकित्सा की व्यवस्था सरकार की ओर से मुफ्त में की गई है।
 
प्रसाद ने कहा कि इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार प्रदेश में आ रहे हैं। ऐसे प्रदेशों से भी कामगार आ रहे हैं, जहां ये संक्रमण फैला हुआ है। कुछ लोगों के संक्रमित होने की सूचना भी आ रही है। इसके लिए हमने जो सार्वजनिक निगरानी का माडल दिया है, उसका बहुत सही उपयोग होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि गांवों में ग्राम निगरानी समितियां हैं जो ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बनी हैं जबकि शहरों में सभासद की अध्यक्षता में मोहल्ला निगरानी समितियां बनाई गई हैं। इन्हें मजबूती से काम करना है ताकि जो भी बाहर से आ रहे हैं, घर पर पृथक रहने का कड़ाई से पालन करें। जिनमें लक्षण आ रहे हों, उनका परीक्षण कराकर, अगर संक्रमण है तो अस्पतालों में भर्ती कराया जाए।
 
प्रसाद ने कहा कि अगर संक्रमण नहीं है तो सात दिन पृथक कर, फिर परीक्षण कराकर 14 दिन के लिए घर पर पृथक रहने के लिए भेजेंगे। कोई भी प्रवासी रेलवे स्टेशन से सीधे घर नहीं भेजा जाएगा। पहले आश्रय स्थल ले जाएंगे। लक्षण रहित होने पर 21 दिन के लिए घर पर पृथक रखा जाएगा। ऐसे में सार्वजनिक निगरानी अत्यंत आवश्यक है।
 
उन्होंने कहा कि 60 साल से ऊपर के लोग, जिनके बारे में हम कहते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा बचाना है, कुल संक्रमण का 8.1 प्रतिशत संक्रमण इस आयुवर्ग के लोगों में पाया गया। 40 से 60 वर्ष आयु के लोगों में 25.5 प्रतिशत संक्रमण पाया गया। 20 से 40 वर्ष के लोगों में जो संक्रमित हुए, उनका आंकड़ा 48.7 प्रतिशत है जबकि 20 वर्ष से कम आयु के 17.7 प्रतिशत लोगों में संक्रमण पाया गया है।'
 
प्रसाद ने बताया कि संक्रमित पुरुषों का प्रतिशत 78.5 है जबकि महिलाओं की संख्या 21.5 प्रतिशत है। उन्होंने दोहराया कि साबुन पानी से बार बार हाथ धोते रहिए। मुंह और नाक को फेसकवर जैसे गमछे, मास्क, दुपटटे या रूमाल से ढंकें, एकदूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम का पूरा पालन करें। आपस में दो गज की दूरी बनाएं रखें और बेवजह घर से ना निकलें।
 
प्रसाद ने कहा कि इन बातों का पालन करके ही हम अपने आपको बचा सकते हैं। बचाव ही एकमात्र रस्ता है इसलिए सबको ध्यान देना चाहिए। (भाषा)
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