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Last Updated :ठाणे , सोमवार, 21 जुलाई 2025 (14:51 IST)

सड़क दुर्घटना में हो गई थी बस चालक की मौत, एमएसीटी ने दिया 44 लाख का मुआवजा देने का आदेश

MACT
Order of MACT: ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को 2019 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक बस चालक के परिवार को 44.15 लाख रुपए का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है। एमएसीटी सदस्य आरवी मोहिते ने 17 जुलाई को यह आदेश सुनाया जिसकी एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई। मृतक सदाशिव कोरगा मूल्या (तब 54 वर्ष के थे) ठाणे नगर निगम परिवहन (टीएमटी) में ड्राइवर थे।
 
5 अक्टूबर 2019 को वह अपने स्कूटर से जा रहे थे, तभी ठाणे शहर के खोपट सिग्नल के पास एमएसआरटीसी की एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी। याचिकाकर्ताओं, उनकी पत्नी और बेटी ने आरोप लगाया कि बस चालक खोपट एसटी बस स्टैंड के मुख्य द्वार से निकला और वह सड़क पर अन्य लोगों की परवाह किए बिना अत्यधिक तेज गति से और लापरवाही से वाहन चला रहा था।ALSO READ: कर्नाटक में भीषण सड़क दुर्घटना, एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत
 
बस चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाया : उन्होंने आरोप लगाया कि बस चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाया, उसने ब्रेक नहीं लगाए और स्कूटर के पिछले बाएं हिस्से में टक्कर मार दी, जिससे मूल्या गिर गए और उनके सिर में गंभीर चोट आईं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और 15 नवंबर, 2019 को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। राबोडी पुलिस ने एमएसआरटीसी बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
 
दावेदारों की ओर से वकील पी.एम. टिल्लू ने कहा कि मृतक का मासिक वेतन 35,925 रुपए था और परिवार के सदस्य उनकी आय पर निर्भर थे। याचिकाकर्ताओं ने शुरुआत में 80 लाख रुपए तक की मांग की थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मांग को 1 लाख रुपए तक सीमित कर दिया। एमएसआरटीसी ने अपने लिखित बयान में अपने चालक की लापरवाही से इनकार किया और आरोप लगाया कि दुर्घटना मृतक की तेज और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई।ALSO READ: एक्सीडेंट और दुर्घटनाओं से बचा सकता है ये चमत्कारी मंत्र, हर रोज घर से निकलने से पहले करें सिर्फ 11 बार जाप
 
उसने प्राथमिकी दर्ज कराने में 74 दिन की देरी की ओर भी इशारा किया और मृतक की ओर से भी समान लापरवाही का दावा किया। अधिकरण ने साक्ष्यों पर विचार करने के बाद दोनों पक्षों को आंशिक रूप से लापरवाह पाया। अधिकरण ने बस चालक की लापरवाही को 75 प्रतिशत और मृतक की लापरवाही को 25 प्रतिशत माना।
 
अधिकरण ने एमएसआरटीसी को निर्देश दिया कि वह निर्णय के 1 महीने के भीतर याचिका दायर करने की तिथि से मुआवजा अदा करने की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ राशि जमा करे। अधिकरण के आदेश में कहा गया है कि कुल मुआवजे में से मृतक की पत्नी को 25,15,204 रुपए मिलेंगे जिसमें से 10 लाख रुपए 3 साल के लिए सावधि जमा में निवेश किए जाएंगे। उनकी बेटी को 19 लाख रुपए मिलेंगे जिसमें से 7 लाख रुपए 5 साल के लिए सावधि जमा में निवेश किए जाएंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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