फॉरेंसिक स्पीच- अपराधियों की भाषा समझने का करियर
वेबदुनिया डेस्क
फॉरेंसिक साइंस में फॉरेंसिक स्पीच के रूप में भी इस क्षेत्र में एक नए अवसर पैदा हुए हैं। फॉरेंसिक स्पीच में आवाज़ को परखने की जानकारी दी जाती है। इसमें आवाज़ का विश्लेषण किया जाता है। विदेशों में कई घटनाओं में अपराधियों का पता फॉरेंसिक स्पीच के विश्लेषण के आधार पर लगाया गया है। फॉरेंसिक स्पीच में युवाओं के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी करियर अवसर हैं। आने वाले समय में भारत में भी इसकी मांग बढ़ेगी। फॉरेंसिक साइंस के कोर्स- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक साइंस।बैचलर ऑफ साइंस इन फॉरेंसिक साइंस।पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक अकाउंटिंग। सर्टिफिकेट कोर्स ऑफ फॉरेंसिक अकाउंटिग एंड फ्रॉड डिटेक्शन।पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फॉरेंसिक स्पीच साइंस एंड टेक्नोलॉजी।मास्टर ऑफ साइंस इन फॉरेंसिक साइंस।पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस।मास्टर ऑफ साइंस इन साइबर फॉरेंसिक एंड इंफॉर्मेशन सिक्यूरिटी। फॉरेन साइंस के इंस्टिट्यूट्स-
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस, नई दिल्ली। -
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई। -
इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, मुंबई। -
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियररिंग, मैसूर। -
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद।