फार्माकोविजिलेंस- दवाइयां परखने में कैरियर
वेबदुनिया डेस्क
यूं तो विज्ञान विषय पढ़ने वाले युवाओं के लिए करियर संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। बायोइंर्फोमेटिक्स के बढ़ने से इस क्षेत्र में युवाओं की मांग भी बढ़ने लगी है। फार्मा के क्षेत्र में भी करियर की संभावनाएं बढ़ी हैं। भारत दवाइयां बनाने के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है। विज्ञान विषय के लिए फार्माकोविजिलेंस एक उभरता हुआ करियर क्षेत्र है। विज्ञान विषय के युवा इसमें करियर बना सकते हैं। फार्माकोविजिलेंस के अंतर्गत दवाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाता है। दवाओं के मरीजों पर पड़ रहे दवाओं के असर को पहचानना, उसको मापना, उसकी पुष्टि करना दवाओं की उपलब्धता, उसका विपणन, प्रयोग आदि फार्माकोविजिलेंस के अंतर्गत आते हैं। इन सब जानकारियों को एकत्र कर दवा निर्माण तक पहुंचाना। इस जानकारियों के आधार पर ही दवा कंपनियां अपनी दवाइयों को और अधिक सुरक्षित और उपयोगी बनाती हैं। इस क्षेत्र में करियर के अवसर देश के साथ-साथ विदेशों में भी हैं। फार्माकोविजिलेंस में करियर बनाने के लिए यह गुण जरूरी है कि आप दवाइयों के मरीजों पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को जान सके। साथ ही कम्युनिकेशन स्कील भी जरूरी है क्योंकि इसमें मरीजों, चिकित्सकों, दवा विक्रेताओं, मेडिकल कंट्रोल बोर्ड आदि के संपर्क में रहना पड़ता है। फार्माकोविजिलेंस में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्स किए जा सकते हैं। फार्माकोविजिलेंस और फार्माकोइपिडेमियोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स चार माह का होता है। बॉटनी, जूलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, माइक्रबायोलॉजी, जेनेटिक्स या बायोटेक से स्नातक या स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद इन कोर्सों को किया जा सकता है। फार्मेसी या मेडिसिन से 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक की पढ़ाई करने वाले युवा भी इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। फार्माकोविजिलेंट में इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाता है- फार्माकोविजिलेंस इन क्लिनिकल रिसर्च, रेगुलेशन इन फार्माकोविजिलेंस, बेसिक प्रिंसिपल ऑफ फार्माकोविजिलेंस, ड्रग रिएक्शन, रिस्क मैनेजमेंट इन फार्माकोविजिलेंस, मैनेजमेंट ऑफ फार्माकोविजिलेंस डाटा आदि। फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के पश्चात दवाइयां बनाने वाली बड़ी कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। मेडिकल में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए अच्छा करियर अवसर है। इसमें करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। वेतन- जॉब लगने के शुरुआत में ही वेतन करीब 15 से 20 हजार रुपए मिल सकता है। अच्छा अनुभव हासिल होने पर वेतन 30 से 40 हजार रुपए आसानी से हासिल किया जा सकता है। फार्माकोविजिलेंस के कोर्स सिमोजेन इंडिया या द इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल रिसर्च, इंडिया के नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद स्थित संस्थानों से किया जा सकता है।