मीशा अग्रवाल की मौत पर सोमी अली ने जाहिर किया दुख, बोलीं- लाइक्स की दौड़ ने छीन ली पहचान
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर मीशा अग्रवाल ने महज 24 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। मीशा ने बीते दिनों इंस्टग्राम पर घटते फॉलोअर्स से डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली थी। मीशा अपने हटके कॉमिक कंटेंट, मजेदार रील्स और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती थीं।
अब पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस और अमेरिका में 'No More Tears' नामक एनजीओ चलाने वाली सोमी अली ने मीशा अग्रवाल की आत्महत्या पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि भले ही वह मीशा को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती थीं, लेकिन उनकी कहानी उन्हें बहुत करीब से पहचान में आती है— क्योंकि ये कहानी आज की हर उस लड़की की है जो सोशल मीडिया के बेरहम सिस्टम में फंसी है।
सोमी अली ने मीशा की मौत पर टिप्पणी करते हुए कहा, ये सिर्फ एक मानसिक स्वास्थ्य का संकट नहीं है, ये समाज की नैतिकता के पतन का संकेत है। उन्होंने डिजिटल दुनिया में इंसानी मूल्य को सिर्फ लाइक्स, व्यूज़ और ब्लू टिक्स से मापे जाने पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि पहले इंसान की कीमत उसके चरित्र और मकसद से मापी जाती थी, लेकिन अब यह सब इंस्टाग्राम एल्गोरिद्म पर निर्भर है।
नंबरों से नहीं, पहचान की तलाश में हारी
सोमी ने लिखा, मीशा ने अपनी जान इंस्टाग्राम के नंबरों की वजह से नहीं, अपनी पहचान खोने की वजह से दी। उन्होंने कहा कि आज हम सबने अपनी आत्ममूल्य को ऐसे अदृश्य गेटकीपर्स के हाथों सौंप दिया है, जो तय करते हैं कि कौन दिखेगा, कौन पसंद किया जाएगा और कौन भुला दिया जाएगा।
सोमी अली ने एक भावुक अपील की, खासकर उन युवा क्रिएटर्स को जो वर्चुअल पहचान के बोझ में टूटते जा रहे हैं: "जिस पोस्ट पर व्यूज़ नहीं आए, वो तुम्हें कम नहीं बनाता। फेक फॉलोअर्स मत खरीदो। तुम पहले से ही काफी हो।"
उन्होंने कास्टिंग डायरेक्टर्स के हवाले से बताया कि आजकल टैलेंट से ज्यादा डिजिटल पहुंच को प्राथमिकता दी जाती है। उनका तंज था, 'जैसे ट्रॉमा को वैलिडेशन तभी मिलेगा जब वो मोनेटाइज हो।' हमें इस मशीन से अपनी मानसिक शांति वापस छीननी होगी। मिषा को सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि बदलाव देना होगा। तुम लॉग इन करने से पहले भी काफी थे। हमने तुम्हें यह यकीन दिलाने में असफल रहे।