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Last Modified: शनिवार, 1 फ़रवरी 2025 (12:52 IST)

मेल डॉमिनेंसी फिल्मों को नसीरुद्दीन शाह ने बताया बीमार, बोले- पुरुषों की फैंटेसी को देती हैं बढ़ावा

मेल डॉमिनेंसी फिल्मों को नसीरुद्दीन शाह ने बताया बीमार, बोले- पुरुषों की फैंटेसी को देती हैं बढ़ावा - Naseeruddin Shah slams films that celebrate hyper masculinity and feed into the secret fantasies of men
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक्टिंग के अलावा अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। चाहे राजनीति हो, फिल्म इंडस्ट्री हो या सामाजिक मुद्दा हो वह अपनी राय बेझिझक जाहिर करते हैं। हालांकि कई बार अपने बयानों की वजह से वह विवादों में भी फंस जाते हैं। 
 
इस बार नसीरुद्दीन शाह ने मेल डॉमिनेंसी वाली फिल्मों की आलोचना की है। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की खराब स्थिति के बारे में बात करने के साथ ही 'मर्दानगी का जश्न मनाने वाली' और 'महिलाओं को तुच्छ दिखाने वाली' फिल्मों पर निराशा जाहिर की है। 
 
दरअसल, केरल लिटरेचर फेस्टिवल में मलयालम एक्ट्रेस पार्वती तिरुवोतु ने नसीरुद्दीन से मेनस्ट्रीम फिल्मों में दिखाए जाने वाले मैस्कुलैनिटी पर सवाल किया था। इसपर एक्‍टर ने कहा, ऐसी बीमार फिल्मों की सफलता वास्तव में उस समाज की स्थिति को दिखा रहा है, जिसमें हम रह रहे हैं। 
 
नसीरुद्दीन शाह ने कहा, मुझे नहीं पता कि यह हमारे समाज का चेहरा है या यह हमारे समाज की फैंटेसी का रिफ्लेक्शन है। मुझे लगता है कि ऐसी फिल्में पुरुषों के सीक्रेट फैंटेसी को बढ़ावा देती हैं, जो अपने दिल में महिलाओं को तुच्छ समझते हैं। वास्तव में देखना बहुत डरावना है कि ऐसी फिल्मों का आम दर्शक से स्वीकृति मिल रही है। 
 
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां जब पीछे मुड़कर जानना चाहेंगी कि 2025 का सिनेमा कैसा था और अगर ऐसी बॉलीवुड फिल्में देख लीं तो यह एक बड़ी त्रासदी होगी। मैंने भी कुछ फिल्में की हैं, जो सिर्फ पैसों के लिए थीं। यह सच्चाई है। मुझे नहीं लगता कि किसी को पैसे के लिए काम करने में शर्म आनी चाहिए। मेरा मतलब है कि हम सब क्या करते हैं? लेकिन ये वो काम हैं, जिनका मुझे पछतावा होता है।