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  4. From gourd to samosa the old love for food returns in Panchayat 4
Last Modified: बुधवार, 18 जून 2025 (15:34 IST)

लौकी से समोसे तक, पंचायत 4 में फिर लौटा खाने का पुराना इश्क

prime video web series
चुनावी घमासान ज़ोरों पर है एक तरफ मंजू देवी, तो दूसरी तरफ़ क्रांति देवी, और इसी बीच प्राइम वीडियो पर 'पंचायत सीजन 4' का धमाकेदार प्रीमियर होने जा रहा है! फुलेरा की हर गली-नुक्कड़ पर नारेबाज़ी और मज़ेदार तकरारें चल रही हैं, लेकिन एक चीज़ आज भी वैसी ही है—इस शो का असली हीरो? भाई, खाना! 
 
चुनाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन पंचायत की फू़ड से मोहब्बत कभी नहीं बदली। खाने के लिए जो प्यार है, वो ऐसा है जैसे हर हिंदुस्तानी घर की रसोई को शो में कैमियो मिल गया हो, लौकी तो इतनी फेमस हो गई कि अब वो मंजू देवी के चुनाव प्रचार की ऑफिशियल पार्टी सिम्बल बन चुकी है!
 
शो की शुरुआत से ही पंचायत में खाना एक अनऑफिशियल पार्टी मेंबर बना हुआ है—याद है वो हर जगह दिखने वाले नारे जैसे 'दो बच्चे मीठी खीर', या जब अभिषेक पहली बार गांव आया तो उसे मिठाई खिलाई गई थी? और प्रधान जी की लौकी पे चर्चा तो जैसे उनकी पहचान बन गई है! कभी खाने की प्लेट पर गरमा-गरम बहस, तो कभी चाय की चुस्की के साथ तपरी पर गॉसिप—इस शो ने हमेशा मसालेदार पल परोसे हैं, वो भी बिना रुके!
 
अब पंचायत के चौथे पार्ट में, जब मंजू देवी और क्रांति देवी की टीमों के बीच टक्कर ज़ोरों पर है, तो खाना एक बार फिर सेंटर स्टेज पर आ गया है! कभी खीर-लौकी की घूस, तो कभी क्रांति देवी का गांव में घूम-घूमकर 'आलू ले लो', और फिर वो एपिक समोसा वाला सीन—जहां बनराकस ने ऐलान किया, 'ऊपर का मैदा उनकी तरफ से है, अंदर का आलू हमारा है', बस यही है वो स्वादभरी गली पॉलिटिक्स, जिसके लिए हम जीते हैं! मजेदार बात ये है कि एक टेस्टी थाली विनोद का पार्टी सपोर्ट भी बदलवा सकती है! पर क्या वाकई बदलता है? ये तो ट्रेलर ने क्लिफहैंगर पर रोक कर रखा है!
 
मंजू देवी के दमदार रोल में लौट रहीं नीना गुप्ता कहती हैं, पंचायत करने के बाद मैंने लौकी को सच में दिल से अपना लिया है, जो मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी! ये अब मेरी पहचान का हिस्सा बन गई है शो की वजह से। मैंने घर पर भी एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिया — लौकी की सब्ज़ी, कोफ्ता, यहां तक कि हलवा भी! 
 
उन्होंने कहा, अब ये सिर्फ एक सब्ज़ी नहीं रही, ये एक एहसास बन गई है। पंचायत ने जैसे लौकी को अहमियत दी है, वो काबिल-ए-तारीफ है, फुलेरा में तो ये प्यार की निशानी जैसी हो गई है। इलेक्शन स्ट्रैटेजी से लेकर पर्सनल इमोशन्स तक, लौकी हर सीन में अपनी जगह बना ही लेती है।
क्रांति देवी का किरदार निभा रहीं सुनीता राजवार कहती हैं, पंचायत में खाना सिर्फ सीन का हिस्सा नहीं है बल्कि वो खुद एक कैरेक्टर है। इस सीज़न में आप देखेंगे कि कैसे आलू भी फुलेरा की पॉलिटिक्स में पावर प्ले का हथियार बन जाता है!
 
पंचायत का ये चटपटा रिश्ता खाने से कुछ ऐसा है जो लिखा नहीं जा सकता, ये तो वैसे ही होता है जैसे जलबी गलती से रबड़ी में गिर जाए! और अब जब ऑडियंस को फुलेरा की और खुराक चाहिए, तो सीज़न 4 के लिए एक्साइटमेंट फुल-तड़का मोड में है। द वायरल फीवर द्वारा प्रोड्यूस की गई ये सीरीज़ 24 जून से प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम होगी।
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