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Last Modified: बुधवार, 12 मार्च 2025 (16:37 IST)

होली पर यह खास पकवान बनाती हैं भाबीजी घर पर हैं कि अंगुरी भाबी, इस बार यूं सेलिब्रेट करेंगी रंगों का त्योहार

holi 2025
होली रंगों, खुशियों और अपनेपन का त्योहार है। यह त्योहार तब और भी खास हो जाता है, जब इसे अपने घर, परिवार और दोस्तों के साथ मनाया जाता है। बिनैफर और संजय कोहली का संपादन 2 कलाकारों योगेश त्रिपाठी (हप्पू की उलटन पलटन के दरोगा हप्पू सिंह) और शुभांगी अत्रे (भाबीजी घर पर हैं की अंगूरी भाबी) ने अपने होमटाउन की होली को याद किया।
 
उन्होंने बताया कि इस बार वे घर नहीं जा पाएंगे, इसलिए उन्हें इसकी कमी बहुत खलने वाली है। हालांकि, त्योहार का मजा बनाए रखने के लिए वे अपनी खास परंपराओं को निभाएंगे, जैसे गुजिया बनाना और पूजा करना, जिससे उन्हें ऐसा लगे कि वे अपने घर पर ही होली मना रहे हैं।
 
शुभांगी अत्रे ऊर्फ अंगूरी भाबी ने कहा, मध्य प्रदेश की होली हमेशा से मेरे दिल के करीब रही है। इसकी शुरूआत होलिका दहन के साथ होती है, जहां हम होलिका की आग के चारों ओर जमा होते हैं और समृद्धि और खुशियों के लिये प्रार्थना करते हैं। अगले दिन पूरा शहर रंगों से सराबोर रहता है और हर ओर खुशियां छाई होती हैं। 
 
उन्होंने कहा, इंदौर में रंग पंचमी मनाई जाती है, जहां संगीत और डांस के साथ भव्य शोभायात्राएं निकलती हैं। इस बार घर से दूर होने की वजह से मुझे उन सबकी बहुत याद आयेगी। लेकिन त्योहार के आनंद को बनाए रखने के लिए, मैं नमकीन और मालपुआ बनाऊंगी, जैसा हम घर पर करते थे।

शुभांगी ने कहा, इसके साथ ही मैं यहां पर पारंपरिक रूप से होली दहन की पूजा भी करूंगी, ताकि मेरे शहर की होली का अहसास मेरे साथ बना रहे, फिर चाहे मैं जहां भी रहूं। मेरे लिए होली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि एक अहसास भी है। यह परंपरा और खूबसूरत यादों का एक खूबसूरत मेल है।
 
योगेश त्रिपाठी उर्फ दरोगा हप्पू सिंह कहते हैं, उत्तर प्रदेश में मेरे गांव की होली का मजा ही अलग है। चारों तरफ रंग, मस्ती, हंसी और ढेर सारी मिठाइयां होती हैं। हम हर साल पहले पूजा करते हैं, फिर गुलाल उड़ाते हैं, नाचते-गाते हैं और मजेदार पकवानों जैसे गुजिया और ठंडाई का आनंद लेते हैं। 
 
उन्होंने कहा, बरसाना की लट्ठमार होली और वृंदावन की फूलों वाली होली तो देखने लायक होती है! इस बार वहां नहीं जा पा रहा हूं, यह बहुत मिस करूंगा। लेकिन घर पर गुजिया बनाकर और अपनी परंपराएं निभाकर, मैं अपनी होली की खुशियों को बनाए रखूंगा और अपने घर से जुड़ा महसूस करूंगा।
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