Rahul Gandhi on Bihar Assembly Election 2025 Results : बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हैरानी जताई है। विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के मुताबिक रात 9 बजे तक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 23 सीटों पर जीत हासिल कर ली जबकि 2 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है, जो 2010 के बाद सबसे कम है। एनडीए को 200 से अधिक सीट हासिल हुईं। राहुल गांधी ने परिणामों को आश्चर्यजनक बताया।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मैं बिहार के उन लाखों मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने महागठबंधन में अपना विश्वास व्यक्त किया। बिहार में यह परिणाम वाकई आश्चर्यजनक है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन इस परिणाम की गहन समीक्षा करेगा और लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को और भी प्रभावी बनाएगा।
बेअसर साबित हुई राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले राहुल गांधी द्वारा निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा भी बेअसर साबित हुई क्योंकि यह यात्रा जिन क्षेत्रों से होकर गुजरी वहां भी प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बीते 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा कथित वोट चोरी और मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ थी। यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी थी।
फिर लगाया वोट चोरी का आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि निस्संदेह, बिहार चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, और निर्वाचन आयोग द्वारा रची गई वोट चोरी को बड़े पैमाने पर दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को बचाने के अपने अभियान को और अधिक मज़बूती के साथ जारी रखने के संकल्प को दोहराती है।
क्या है कांग्रेस के सामने चुनौतियां
कांग्रेस के सामने पहले से खड़ी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। अब उसे न सिर्फ अपने को एकजुट रखने की चुनौती का सामना करना होगा, बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सहयोगी दलों के साथ सीटों का तालमेल करने तथा अपनी खोई जमीन को वापस पाने की जद्दोजहद करनी होगी।
लोकसभा की संजीवनी और 5 राज्यों में हार
बिहार में कांग्रेस बड़ी ताकत थी। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर एक बार फिर खड़े होने का संकेत दिया था, लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में उसकी हार ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
4 दशकों में पतली हुई हालत
पिछले करीब चार दशकों से कांग्रेस की हालत पतली होती चली गई। उसने 1985 में 196 सीटों हासिल की थीं, लेकिन 1990 में घटकर 71 पर आ गई। कांग्रेस ने 1995 और 2000 में क्रमश: 29 और 23 सीटें जीतीं। 2010 में चार सीटों पर सिमट गई, हालांकि महागठबंधन के घटक के तौर पर उसने 2015 में 27 सीटें जीतीं। Edited by : Sudhir Sharma