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Written By BBC Hindi
Last Modified: गुरुवार, 30 जून 2011 (19:00 IST)

माता-पिता कर रहे हैं बच्चों को 'अगवा'

ब्रिटेन बच्चे
BBC
पति-पत्नी के बीच मनमुटाव का शिकार कई बार बच्चे बनते हैं और उन्हें मां या पिता, दोनों में से एक के स्नेह से वंचित होना पड़ता है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर दूसरे दिन एक ब्रितानी बच्चे का 'अपहरण' कर उसके माता या पिता बच्चे को दूसरे देशों में भेज देते हैं।

अपहरण करने के बाद बच्चों को रखे जाने वाले देशों में भारत, पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे देशों का नाम आगे हैं। इन देशों ने बच्चों के अपहरण से जुड़ी 1980 की हेग संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

अगवा किए जाने की ज्यादातर घटनाएं ब्रिटेन में स्कूली छुट्टियों के दौरान होती हैं जब माता-पिता में से कोई एक अपने मूल देश जाता है और बच्चे को वापस भेजने से मना कर देता है।

ब्रिटेन वापस नहीं बुला सकता : ब्रिटेन में रहने वाले माइकल का आठ साल का बेटा है और 12 साल की बेटी है, लेकिन पिछले एक साल से वे दोनों से नहीं मिले हैं। उनकी पत्नी जापान से हैं और पिछले साल वो छुट्टियों पर जापान गईं और फिर संदेश भेजा कि वो वापस नहीं आएंगी।

इस पर माइकल कहते हैं, 'मन बहुत उदास हो जाता है, आप अपने आप को दोष देते हैं। जब आखिरी बार मैं बच्चों से मिला था तो उनसे कहा था कि तीन हफ्तों में मिलूंगा, लेकिन नहीं मिल पाया। मुझे ये बोलने का मौका भी नहीं मिला कि मैं उनसे प्यार करता हूं।'

भारत समेत कई देश ब्रितानी विदेश मंत्रालय के सुरक्षा दायरे से बाहर हैं। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन इन बच्चों को वापस नहीं बुला सकता। पिछले 12 महीनों में ब्रिटेन में माता-पिता ने 160 से ज्यादा बच्चों को गलत तरीके से ब्रिटेन से बाहर भेजा है।

संस्था 'रीयूनाइट इंटरनेशनल चाइल्ड अब्डक्शन सेंटर' की शैरन कुकी कहती हैं कि ऐसे अपहरण का बच्चों पर बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है और साथ ही उस माता या पिता पर भी जो बच्चे से बिछड़ जाता है।

शैरन कहती हैं कि अब कई शादियों में पती-पत्नी अलग-अलग देशों के होते हैं, दूसरे देशों में यात्रा करना आसान हो गया है और ऐसे कई किस्से मां-बाप के बीच तनाव की वजह से होते हैं।