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Written By BBC Hindi
Last Modified: शनिवार, 20 अप्रैल 2013 (14:06 IST)

'बच्ची 40 घंटे तक बंद रही, संदिग्ध ने मरा समझ छोड़ दिया'

नई दिल्ली पुलिस
BBC
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गांधीनगर इलाके में बलात्कार की शिकार हुई पांच साल की बच्ची 40 घंटे तक कमरे में बंद रही और संदिग्ध मनोज कुमार शायद उसे मरा समझकर भाग गया था। मामले में संदिग्ध मनोज को शुक्रवार देर रात बिहार में हिरासत में ले लिया गया था।

पूर्वी दिल्ली के डीसीपी प्रभाकर ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'वो करीब 40 घंटे कमरे में बंद थी। एमएलसी की रिपोर्ट और आरोपी से हुई प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि वो उसे मरा समझकर छोड़ दिया था।'

उन्होंने बताया कि बच्ची 15 अप्रैल की शाम को लापता हुई थी और मनोज उसी दिन शाम सात बजे घटनास्थल से चला गया था। वो स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से छपरा होते हुए पहले अपने गांव पहुंचा और फिर ससुराल।

उन्होंने बताया कि मनोज कुमार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है और उसे जल्द से जल्द दिल्ली लाया जा रहा है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनोज को मुजफ्फरपुर जिले में उसके ससुराल चिकनौता से गिरफ्तार किया गया। ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद अब उसे दिल्ली लाया जा रहा है।

कौन है मनोज : डीसीपी ने कहा मनोज की उम्र 22 साल है और वो पिछले 15 साल से दिल्ली में रह रहा है। उसके पिता ओल्ड सीलमपुर इलाके में जूस की रेहड़ी लगाते हैं और वो गारमेंट फैक्ट्रीज में दिहाड़ी मजदूर हैं।

डीसीपी ने बताया कि मनोज मूल रूप से मुजफ्फरपुर जिले के भरतुआ गांव का रहने वाला है। वो 15 अप्रैल को वो स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से छपरा के रास्ते अपने गांव पहुंचा और फिर अपने ससुराल पहुंचा।

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ हुई है और इस बारे में वो अभी ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं। ये पूछने पर कि क्या इस अपराध में मनोज के साथ कोई और भी शामिल था, डीसीपी ने कहा कि मनोज और पीड़िता के बयान के बाद भी इस बारे में स्पष्ट हो जाएगा।