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Last Updated : शनिवार, 20 जनवरी 2024 (15:06 IST)

राममंदिर के गर्भगृह में 25 फीट की दूरी से भी होंगे रामलला के दर्शन, बोले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा, एक सपना हुआ साकार

राममंदिर के गर्भगृह में 25 फीट की दूरी से भी होंगे रामलला के दर्शन, बोले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा, एक सपना हुआ साकार - Know the specialty of Ram temple from Chandkrat Sompura the architect of Ram temple
भगवान राम की नगरी अयोध्‍या इन दिनों राममय है। अयोध्या में चारों ओर राम भक्‍तों का सैलाब उमड़ रहा है और पूरी अयोध्या नगरी जय श्रीराम के नारे से गूंज रही है। लगभग 500 सालों के इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राममंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान हो गए है और अब सबको इंतजार 22 जनवरी को उस पल का इंतजार जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा।

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम में कहा कि भव्यमंदिर में भगवान राम के दर्शन होंगे। ‘वेबदुनिया’ ने अयोध्या में राममंदिर के शिल्पकार गुजरात के मशूहर वास्तुशिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा से खास बातचीत की। 

गर्भगृह में 25 फीट की दूरी से भी होंगे रामलला के दर्शन- राममंदिर के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा वेबदुनिया से खास बातचीत में कहते हैं कि आज जब रामलला गर्भगृह में विराज गए है तब हमारा 35 साल और लोगों का 500 साल का सपना था वह आज पूरा हुआ है। चंद्रकांत सोमपुरा कहते है आज का दिन उनके जीवन का सबसे यादगार और खुशियों भरा दिन है।

चंद्रकांत सोमपुरा कहते है कि गर्भगृह में रामभक्त 25 फीट की दूरी से रामलला के दर्शन कर सकेंगे। वह बताते है कि हर भक्त चाहता है वह सामने से भगवान के दर्शन करें इसलिए सामान्य तौर पर मंदिर में लाइन लगाकर दर्शन करने होंगे। वह कहते हैं कि राममंदिर के गर्भगृह में पांच मंडप है एक साथ एक हजार से अधिक लोगों एक समय खड़े हो सकते है। चंद्रकांत सोमपुरा कहते है कि गुजरात के अंबाजी मंदिर में एक दिन में चार-चार लाख लोग आराम से  दर्शन कर लेते है और उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है। ऐसी ही अयोध्या में राममंदिर में रामभक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे।

नागर शैली का अष्टकोणीय राममंदिर - वेबदुनिया से बातचीत में चंद्रकांत सोमपुरा कहते है कि राममंदिर नागर शैली में बना हुआ है और कुल मिलाकर पांच मंडप और एक गर्भगृह है। वह बताते है कि मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय है, भगवान विष्णु के आठ अवतार हैं, तदनुसार आठ दिशाएं हैं। जिसके कारण गर्भगृह को अष्टकोणीय बनाया गया है। इसके शीर्ष पर शिखर, मंदिर, गुड मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप और प्रार्थना मंडप भी नागर शैली में बने हैं। वह बताते है कि नागर शैली की विशेषता उसका शिखर और मंडप होता है। नागर शैली का शिखर ऊंचा और मंडप नीचा होता है।

बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से बना राममंदिर-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में चंद्रकांत सोमपुरा कहते है कि मंदिर के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के पत्थर और मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। बंसी पहाड़पुर की विशेषता बताते है कि यह पत्थर गुलाबी रंग का है और सेन्ड स्टोन है। चूंकि सेन्ड स्टोन में सबसे अधिक मजबूती होती है, इसलिए मंदिर का निर्माण इसी पत्थर से कराने का निर्णय पहले से ही लिया गया था।

राम मंदिर निर्माण में 1500  करोड़ का खर्च- राममंदिर  के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि राममंदिर के पूरी तरह से निर्माण में 1500 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। वह कहते है कि इस साल दिसंबर तक राममंदिर का निर्माण पूरी तरह हो जाएगा। बातचीत में चंद्रकांत  चंद्रकांत सोमपुरा कहते है कि पहले राममंदिर के निर्माण की लागत 500 करोड़ के आसपास थी। इसके बाद राममंदिर कॉरिडोर और अन्य निर्माण के चलते इसकी लागत 1500 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।