असली विवाद तब शुरू हुआ जब 23 दिसंबर 1949 को भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्तियां विवादित स्थल पर पाई गईं। उस समय हिंदुओं का कहना था कि भगवान राम प्रकट हुए हैं, जबकि मुसलमानों का आरोप था कि रात में चुपचाप किसी ने मूर्तियां रख दीं। उस समय सरकार ने इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगवा दिया।