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Last Updated : बुधवार, 19 अगस्त 2020 (16:42 IST)

Ayodhya : नए भवन में विराजित रामलला की विधि-विधान से होती है पूजा, इतना होता है खर्च

Ayodhya : नए भवन में विराजित रामलला की विधि-विधान से होती है पूजा, इतना होता है खर्च - Ayodhya Shri Ram Janmabhoomi Ramlala
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा है कि कोरोना संकट के बावजूद रामलला के नियमित पूजा-पाठ में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
 
 मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने बुधवार को कहा कि कोरोना काल में रामलला के नियमित पूजा-पाठ में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पतराय ने भी कहा है कि रामलला के पूजा-पाठ में धन की कमी आड़े नही आएगी। पूरे विधि-विधान से नियमित पूजा का आयोजन किया जाए। 
 
उन्होंने बताया कि रामलला का पूजा-पाठ का बजट पहले करीब 30 हजार रुपए खर्च होता था, अब वह बढ़कर 40 हजार रुपए हो गया है। इस मौजूदा पूजा-पाठ में बजट घट और बढ़ भी सकता है। उन्होंने बताया कि पूजा व्यवस्था में पूर्व के बजट में 10 हजार रुपए की वृद्धि कर दी गई है, लेकिन पुजारियों का वेतन यथावत है। 
 
रामलला के मुख्य पुजारी ने बताया कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए विराजमान रामलला को नए भवन में स्थानान्तरित करने के अलावा पूजन व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया है। नियमित रूप से 5 बार आरती होती है और पूरी जिम्मेदारी मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास पर छोड़ दी है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से पूजन व्यवस्था में जो भी आवश्यक है उसे करने के लिये मुख्य पुजारी अधिकृत है और खर्च के बारे में जो भी वाउचर प्रस्तुत किया जाता है, ट्रस्ट उसका भुगतान कर देता है।
 
उन्होंने बताया कि नए भवन में रामलला के प्रतिष्ठा उत्सव में पूजन का खर्च लगभग 62 हजार रुपए था जिसका ट्रस्ट ने भुगतान कर दिया।
 
मुख्य पुजारी ने बताया कि अधिग्रहण काल में रिसीवर की ओर से प्रतिमाह पूजन के साथ वेतन के लिए 1 लाख 2 हजार रुपए की एकमुश्त राशि प्रदान की जा रही थी, जो इस राशि में 30 हजार रुपए रामलला के नियमित पूजन का व्यय शामिल था। शेष राशि 72 हजार 9 कर्मचारियों के लिए था, जिसमें मुख्य पुजारी व चार सहायक के अतिरिक्त एक-एक भण्डारी व कोठारी व दो सफाई कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने इस बजट में 10 हजार रुपए की वृद्धि की है।
 
इस प्रकार पूजन व्यवस्था में 30 हजार बजट अब बढ़-चढ़कर 40 हजार रुपए हो गया है, जबकि सभी का वेतन यथावत है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमिपूजन के बाद से दर्शनार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

उन्होंने बताया कि रामलला पर दर्शनार्थियों द्वारा अब फल, लड्डू इत्यादि के भी प्रसाद चढ़ाए जा सकते हैं, जबकि इसके पहले रामलला के दर्शन में ये सब चढ़ावा नहीं होता था। पुजारी के मुताबिक अधिकारियों से अनुमति ले करके ही दर्शनार्थी आरती के समय शामिल हो सकते हैं। बिना उनके अनुमति के आरती में शामिल होना संभव नहीं है। (वार्ता)
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