* नवरात्रि में जपें रामचरितमानस के 10 सरल महत्वपूर्ण दोहे
रामचरित मानस के सरलतम दोहे, इन्हें हर कोई जप सकता है। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से भी इच्छापूर्ति की जा सकती है, जो अपेक्षाकृत सरल है।
नवरात्रि के मंत्र हर कोई नहीं जप सकता क्योंकि सभी मंत्र भाषा की शुद्धता मांगते हैं और कुछ मंत्र अत्यंत कठिन होते हैं।
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है रामचरितमानस के 10 सरल दोहे...
(1) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।'
(2) भय व संशय निवृत्ति के लिए-
'रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।'
(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
'मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'
(4) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-
'कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'
(5) विपत्ति नाश के लिए-
'राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'
(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
'दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'
(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
'बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत अस होई।।'
(8) शत्रु नाश के लिए-
'बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।'
(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'
(10) विद्या प्राप्ति के लिए-
'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।'
* आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला (108 बार) जपें तथा एक माला का हवन करें।
* जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा।
* जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी।
* नवरात्रि में एक दिन सुंदरकांड अवश्य करें।