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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 (08:00 IST)

karva cahuth 2025: करवा चौथ पर छन्नी से क्यों देखा जाता है पति का चेहरा, इस दिन क्यों सीधे नहीं देखना चाहिए चंद्रमा

karwa chauth 2025 mein kab hai
Karwa Chauth Rituals: करवा चौथ भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत है, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए दिन भर उपवास करती हैं। इस व्रत की सबसे खास बात यह है कि शाम को चंद्र दर्शन के बाद महिलाएं छन्नी से अपने पति का चेहरा देखती हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन इसके पीछे क्या कारण हैं? आज इस आलेख में हम आपको करवा चौथ पर छन्नी से पति का चेहरा देखने की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

छन्नी से चेहरा देखने की परंपरा: मान्यता है कि छलनी में हजारों छेद होते हैं, जिससे चांद के दर्शन करने से छेदों की संख्या जितनी प्रतिबिंब दिखते हैं। अब छलनी से पति को देखते हैं तो पति की आयु भी उतनी ही गुना बढ़ जाती है। इसलिए करवा चौथ का व्रत करने के बाद चांद को देखने और पति को देखने के लिए छलनी प्रयोग की जाती है इसके बिना करवा चौथ अधूरा है।

पुराणों में भी मिलता है उल्लेख : करवा चौथ का व्रत पुराणों में करक चतुर्थी के नाम से प्रचलित है। करवा चतुर्थी के दिन माताएं निराहार रहकर के अन्न और जल का त्याग करके पति की लंबी आयु की कामना के लिए इस व्रत को करती हैं। पुराणों में ऐसी कथा है प्रजापति दक्ष ने जब चंद्रमा को श्राप दिया कि जो तुम क्षीण हो जाओ। जो तुम्हारे दर्शन करेगा उस पर कलंक आएगा। तब चंद्रमा रोते हुए शंकर भगवान के पास पहुंचे। बोले हमारा तो कोई चतुर्थी के दिन दर्शन ही नहीं करेगा। तब शंकर भगवान ने कहा था सब चतुर्थी को छोड़िए कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की जो चतुर्थी आएगी उस दिन जो भी तुम्हारे दर्शन करेगा। उसके जीवन के जो सारे दोष, कलंक सब मिट जाएंगे।

अन्य पौराणिक मान्यताएं: करवा चौथ को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक का जिक्र हम करेंगे। करवा नाम की एक महिला थी, जो भद्रा नदी के पास रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में नहा रहा था, उस दौरान एक मगरमच्छ ने उसके पति को नदी के अंदर खींच लिया। उस भयानक क्षण में, करवा ने अपने पति की सुरक्षा के लिए मृत्यु के देवता यमराज से बहुत प्रार्थना की।

उसकी भक्ति से प्रभावित होकर, यमराज ने उसे एक विशेष आशीर्वाद दिया, जो भी महिला इस दिन उसके नाम पर व्रत रखेगी, उसके पति को लंबी आयु का वरदान मिलेगा। इसके अलावा धार्मिक ग्रंथों में करवा चौथ के दौरान भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस शुभ दिन पर, भक्त मां पार्वती के साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करते हैं।

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