Astrology Prediction on bangladesh: बांग्लादेश में दीपूचन्द्र दास की हत्या के बाद अब बांग्लादेश का पतन तय हो गया है क्योंकि बांग्लादेश के पाप का घट भी भर चुका है। आने वाले समय में बांग्लादेश में कोई सी भी सरकार बने उसका पतन भी जल्द ही हो जाएगा और यही नहीं बांग्लादेश का एक बहुत बड़ा हिस्सा टूटकर अलग होने के लिए विद्रोह भी करेगा। यह होगा बहुत जल्द। इसमें ज्यादा समय नहीं है, क्योंकि नेपाल और पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी पतन की राह पर आगे बढ़ने लगा है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन होंगे। फिर होगा बांग्लादेश के पतन का दूसरा अध्याय प्रारंभ। ग्रह-नक्षत्रों की चाल और ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर बांग्लादेश के आने वाले समय का भविष्य काफी उथल-पुथल भरा नजर आ रहा है।
शनि और गुरु का गोचर फल: वर्तमान में शनि मीन का योग है। मकर से लेकर मेष राशि तक शनि ने तबाही मचाकर ही रखना है। दूसरी ओर वर्ष 2025 से 8 वर्षों के लिए गुरु अतिचारी गोचर कर रहे हैं। ये ऐसा समय है जबकि 2030 तक दुनिया का भूगोल बदल जाएगा। जलवायु पूरी तरह से बदल जाएगी और आतंकवाद की शक्तियों के मुल्कों का हाल गाजा जैसा होगा। यह समय बहुत परिवर्तनकारी है जिसमें भारत का रोल अभी बाकी है। बहुत जल्द भारत वैश्विक युद्ध का हिस्सा बनने के लिए मजबूर होगा और फिर संपूर्ण दक्षिण एशिया के हालात बदल जाएंगे। भारत विरोधी शक्तियों में सबसे पहले वे लोग मारे जाएंगे जो भारत के भीतर हैं। इसके बाद बाहर के लोगों और देशों का नंबर आएगा। ऐसा अतिचारी गुरु और शनि के गोचर फल से निकलकर आता है।
बांग्लादेश का भविष्य: पतन, विभाजन और ज्योतिषीय संकेत
बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और हालिया घटनाओं ने उस विनाशकारी पटकथा की शुरुआत कर दी है, जिसकी भविष्यवाणी ज्योतिषियों ने बहुत पहले ही कर दी थी। जैसे पाप का घड़ा भरने पर पतन निश्चित होता है, वैसे ही बांग्लादेश की कुंडली में भी अब बड़े बदलाव और विखंडन के योग बन रहे हैं।
चीन का दखल और विनाश की राह
भविष्यवाणियों के अनुसार, बांग्लादेश में आने वाले समय में कट्टरपंथ और भुखमरी जैसी स्थितियां पैदा होंगी। अपनी सत्ता बचाने के लिए वहां की सरकार पूरी तरह चीन के प्रभाव में चली जाएगी। चीन का यही दखल उसके विनाश का कारण बनेगा। जब बांग्लादेश की स्थिति भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगी, तब भारत की ओर से 'वज्र प्रहार' जैसा कड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
विभाजन की ओर: 2026 से 2028 का समय
ज्योतिषीय गणना बताती है कि साल 2026 से 2027 के अंत तक बांग्लादेश के दो टुकड़ों में बंटने की प्रबल संभावना है। कुछ विशेषज्ञों का तो यहाँ तक मानना है कि 2028 तक बांग्लादेश का एक बड़ा हिस्सा भारत में विलीन (Merge) हो सकता है।
कमजोर कड़ी: बांग्लादेश के अपने 'चिकन नेक'
अक्सर बांग्लादेश भारत के 'सिलीगुड़ी कॉरिडोर' (चिकन नेक) को लेकर चर्चा करता है, लेकिन वह भूल जाता है कि उसके पास खुद दो अत्यंत संवेदनशील और संकीर्ण गलियारे हैं, जिन्हें भारत रणनीतिक रूप से नियंत्रित कर सकता है:
उत्तरी बांग्लादेश कॉरिडोर (80 किमी): यह दखिन दिनाजपुर से गारो हिल्स तक फैला है। यदि यहाँ कोई व्यवधान आता है, तो पूरा 'रंगपुर डिवीजन' मुख्य बांग्लादेश से कट जाएगा।
चटगांव कॉरिडोर (28 किमी): यह दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक है। यह कॉरिडोर बांग्लादेश की आर्थिक और राजनीतिक राजधानियों के बीच एकमात्र संपर्क सूत्र है। यदि भारत चाहे, तो यह गलियारा बंद होते ही बांग्लादेश की कमर टूट सकती है।
मुंडेन एस्ट्रोलॉजी क्या कहती है बांग्लादेश के बारे में?
मुंडेन एस्ट्रोलॉजी (देश-दुनिया की ज्योतिषीय गणना) के अनुसार, बांग्लादेश की कुंडली और वहां के वर्तमान ग्रहों की स्थिति को लेकर कई प्रसिद्ध ज्योतिषियों ने गंभीर भविष्यवाणियां की हैं। अधिकांश विद्वान आने वाले कुछ वर्षों को बांग्लादेश के लिए 'अत्यंत कठिन' और 'ऐतिहासिक बदलाव' का समय मान रहे हैं।
1. कुंडली का विश्लेषण: अशांति और तख्तापलट
बांग्लादेश की स्थापना कुंडली (16 दिसंबर 1971) में वृषभ लग्न है। ज्योतिषियों का कहना है कि वर्तमान में बांग्लादेश की कुंडली में शनि और राहु का प्रभाव बढ़ रहा है, जो सत्ता परिवर्तन और हिंसा का संकेत देता है।
सैन्य प्रभाव: कुंडली के दसवें भाव पर मंगल की दृष्टि सेना के बढ़ते हस्तक्षेप को दर्शाती है।
अस्थिरता: 2025 से 2026 के बीच शनि के गोचर के कारण वहां की आंतरिक शांति पूरी तरह भंग होने के योग हैं।
2. विभाजन और विघटन की आशंका
कई ज्योतिषियों, जिनमें प्रशांत कपूर और भृगु साधु जैसे नाम शामिल हैं, ने यह भविष्यवाणी की है कि बांग्लादेश आने वाले वर्षों में (विशेषकर 2026-2028 के बीच) खंडित हो सकता है।
टुकड़ों में बंटना: ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आंतरिक गृहयुद्ध के कारण बांग्लादेश दो या तीन हिस्सों में बंट सकता है।
चिकन नेक का खतरा: रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विद्रोह के कारण भौगोलिक बदलाव की संभावना है।
3. भारत में विलय की संभावना
कुछ ज्योतिषीय गणनाओं (जैसे भविष्य मालिका और अन्य प्राचीन ग्रंथों के आधुनिक विश्लेषण) में यह संकेत मिलता है कि साल 2028 तक बांग्लादेश का एक बड़ा हिस्सा या पूरा देश भारत में विलीन हो सकता है। ज्योतिषियों का मानना है कि 'अखंड भारत' की दिशा में यह एक बड़ी खगोलीय घटना होगी।
4. अल्पसंख्यकों और कट्टरपंथ पर प्रभाव
ग्रहों की स्थिति (विशेषकर राहु की अंतर्दशा) के कारण वहां धार्मिक कट्टरता चरम पर रह सकती है।
हिंदू अल्पसंख्यकों पर संकट: ज्योतिषियों ने चेतावनी दी है कि 2025-26 के दौरान वहां सांप्रदायिक हिंसा बढ़ सकती है, जिसके कारण भारत पर मानवीय दबाव (शरणार्थियों का संकट) बढ़ेगा।
नेतृत्व का पतन: यह भी कहा गया है कि वर्तमान अंतरिम सरकार या आने वाला कोई भी नया नेतृत्व लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा।
5. विनाशकारी प्राकृतिक आपदाएं
ग्रहों के 'कर्क राशि' और 'मीन राशि' में गोचर के कारण बांग्लादेश को समुद्री चक्रवात, बाढ़ और भूकंप जैसी भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसे 'कार्मिक चक्र' का हिस्सा माना जा रहा है।
निष्कर्ष: ज्योतिषीय मत के अनुसार, बांग्लादेश का पुराना स्वरूप अब इतिहास बनने की ओर है। 2025 से 2030 के बीच की अवधि इस देश के लिए 'अस्तित्व के संकट' वाली होगी, जिसमें भारत की भूमिका सबसे निर्णायक रहेगी। आने वाले समय में कोई भी सरकार बांग्लादेश में टिक नहीं पाएगी। सैन्य विद्रोह, बाहरी हस्तक्षेप और आंतरिक कलह के कारण इस देश का भूगोल बदलने वाला है।