Nostradamus predictions on World War III: फ्रांस में 14 दिसंबर, 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तक में 12 सेंचुरिज यानी बारह सौ चतुष्पदियां लिखी हैं। उनमें से अब मात्र 955 अस्तित्व में हैं। इनमें से लगभग 3 हजार भविष्य कथनों का वर्णन है। कहते हैं कि उनके कथन बहुत उलझे हुए हैं जिनका मतलब निकालना मुश्किल है या कि कुछ भी मतलब निकाला जा सकता है। नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कभी भी तारीखों को मेंशन नहीं किया है। इसलिए उन्हें किसी भी काल में फिट गया जा सकता है। आओ जानते हैं कि किस तरह होगा तीसरा विश्व युद्ध प्रारंभ और क्या क्या होगा इस युद्ध में तथा यह किस मुकाम पर जाकर होगा खत्म।
अधिकतर ज्योतिष और भविष्यवक्ता मानते हैं कि 29 मार्च 2025 में सूर्य ग्रहण के दिन शनि ग्रह के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। अब यह युद्ध धीरे धीरे फैलेगा। लेकिन नास्त्रेदमस के अनुसार मेष के प्रभाव में यह युद्ध प्रारंभ होगा। यदि इसका अर्थ हम शनि के मेष में जाने से लगाएं तो शनि वर्ष 2027 में मेष राशि में प्रवेश करेगा।
कब होगा तीसरा विश्व युद्ध प्रारंभ?
1. 'मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे।- (3/77 सेंचुरी)।
2. 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पहुंचेगा। और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।' (11-5)- नास्त्रेदमस।
क्या होगा तीसरे विश्व युद्ध में?
1. ''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10)
2. 'लाल के खिलाफ एकजुट होंगे लोग, लेकिन साजिश और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा।' 'पूरब का वह नेता अपने देश को छोड़कर आएगा, पार करता हुआ इटली के पहाड़ों को और फ्रांस को देखेगा। वह वायु, जल और बर्फ से ऊपर जाकर सभी पर अपने दंड का प्रहार करेगा।'
3. जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।- (vi-51).
4. चीन की फौजें जब फ्रांस में घुसेगी तब जमकर आणविक और कीटाणु अस्त्रों का प्रयोग होगा। इसके बाद ये फौजें पूर्वी यूरोप के भीतर तक घुस जाएगी। वहां से दक्षिण स्पेन पर अरब फौजों की मदद से हमला किया जाएगा। (।।-29, ।।-96, v।-80, v।।।।-51, v-55, ।।।-20, ।-73, v।।।-94, v।-88)
5. शनि और मंगल सिंह राशि में होंगे तब स्पेन हाथ से जाता रहेगा। फ्रांसीसी हार ही जाएंगे। फिर पूर्वी हमलावर यूरोप पर भारी बमबारी करेगा। इटली को ही ये लोग प्रमुख अड्डा बनाएंगे। यूरोप कीटाणु हमले का शिकार होगा। (।।।-64, v-14, ।v-48)...फिर होगा स्विट्जरलैंड पर हमला। वहां के बैंकों का खजाना लूटा जाएगा। स्विस सेना कुछ न कर पाएगी। (v-85, ।-x-44, ।।-83).
6. यूरोप के बाद अमेरिका को निशाना बनाया जाएगा। एक प्रमुख चीन जनरल का पोता हमले की कमांड संभालेगा। पहला हमला जबरदस्त होगा। अमेरिका में अफरातफरी फैल जाएगी। नये शहर का आसमान आग से भर जाएगा। यह आग तेजी से ऊपर उठेगी। (।v-99, ।।-95, ।v-97)
7. फिर अमेरिका और रूस मिलकर हमलावर देश पर कीटाणु का महला करेंगे। बचाव का कोई चारा न देख वे ऐसा करेंगे।- (।-x-99)।
8. अंततः परमात्मा का हाथ रक्तपिपासु एलस Alus तक पहुंच जाएगा। वह खुद को समुद्र में भी नहीं बचा पाएगा। दो नदियों के बीच में खुद को सुरक्षित करके भी छिप नहीं पाएगा। सुरक्षित छिपकर भी वह काले और क्रुद्ध व्यक्ति से भयभीत होगा।, जो उसे उसकी करतूतों की सजा देगा। (v।-33)
9. 'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' (I-69)
कब होगा तीसरा विश्व युद्ध खत्म:
1. 'अंतिम दौर में दुनिया शनि की विलंबित वापसी से नुकसान उठाएगी। साम्राज्य एक काले राष्ट्र के हाथों चला जाएगा।- (।।।।-92)। विलंबित वापसी का अर्थ यह लगाया जा रहा है कि शनि वक्री होकर तय समय से ज्यादा एक ही राशि में गोचर करेगा और इसके बाद पुन: मार्गी हो जाएगा।
2. अंतिम अरब टुकड़ी बगावत करके अपने कमांडर से समर्पण करा देगी। तीसरा विश्व युद्ध खत्म हो जाएगा।- (।-70)
3. 'एक सेनापति उत्सुकतावश पीछे भागती दुश्मन सेना की फौज का पीछा करेगा। वह उसके बचाव चक्र को भेदता हुआ, अंतत: उन्हें रोक देगा। वे पैदल भांगेंगे, मगर उनसे अधिक दूर नहीं होगा वह। अंतिम जंग गंगा (ganges) के किनारे होगी।'' (iv-51)
4. ''भारत, फ्रांस, जॉर्डन आजाद कराए जाएंगे। निर्दयी शक्तियों का सुदूर पूर्व में विनाश होगा। गंगा, जॉर्डन, फ्रांस और स्पेन को हड़पने वाला साम्राज्य खत्म हो जाएगा। समुद्र में खून और लाशें तैरती दिखेंगी।''
5. 'साम्प्रदायिकता और शत्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। '17 साल के भीतर 5 पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।' -5-96।
नास्त्रेदमस की इस काल गणना के अनुसार हम चन्द्रमा की द्वितीय महान चक्र अवधि से गुजर रहे हैं, जो सन् 1889 से शुरू हुई है और सन् 2243 में समाप्त होगी। नास्त्रेदमस के अनुसार यह अवधि मनुष्य जाति के लिए रजत युग है। नास्त्रेदमस ने ये भविष्यवाणियां लगभग 499 वर्ष पहले की थीं। रजत युग के बाद ही स्वर्ण युग शुरू होगा।
सोर्स : अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां (डायमंड पाकेट बुक्स)