अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि ईरान के नतांज संवर्धन स्थल पर इजराइल के हवाई हमलों का वहां के भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल पर 'प्रत्यक्ष प्रभाव' पड़ा है। यूरेनियम संवर्धन के लिए उपयोग किए जाने वाले सेंट्रीफ्यूज को रखने के वास्ते बनाए गए भूमिगत स्थल को सेंट्रीफ्यूज हॉल कहा जाता है। ये हमले इजराइल द्वारा अपने शत्रु ईरान के खिलाफ 5 दिन पहले शुरू किए गए हवाई अभियान का हिस्सा हैं, जिसमें ईरान के सैन्य और परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया गया था।
यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने नतांज के भूमिगत हिस्से में हमलों से हुए नुकसान का आकलन किया है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मुख्य संवर्धन केंद्र है।
एजेंसी ने कहा कि शुक्रवार के हमलों के बाद एकत्रित हाई रेजूलेशन उपग्रह चित्रों के निरंतर विश्लेषण के आधार पर आईएईए ने अतिरिक्त तत्वों की पहचान की है जो नतांज में भूमिगत संवर्धन हॉल पर प्रत्यक्ष प्रभाव का संकेत देते हैं। पहले ही, जमीन के ऊपर स्थित संवर्धन के लिये इस्तेमाल होने वाले क्षेत्र को नष्ट कर दिया गया था, साथ ही सुविधा को संचालित करने वाले विद्युत उपकरण भी नष्ट कर दिए गए थे।
इजराइल ने मंगलवार को भी ईरान पर हमले जारी रखे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक संदेश जारी कर तेहरान के निवासियों को वहां से निकल जाने की चेतावनी दी। ट्रंप ने कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन से वाशिंगटन लौटने से पहले सोमवार रात को लिखा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा, “सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!
ट्रंप ने बाद में इस बात से इनकार किया कि वे युद्ध विराम पर काम करने के लिए वापस आए हैं, उन्होंने एयर फोर्स वन पर संवाददाताओं से कहा कि मैं युद्ध विराम के बारे में नहीं सोच रहा हूं। हम युद्ध विराम से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं।
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने तेहरान के लोगों से वहां से निकलने का आग्रह क्यों किया, तो उन्होंने कहा: “मैं बस यह चाहता हूं कि लोग सुरक्षित रहें।” इससे पहले, इजराइली सेना ने तेहरान के एक मोहल्ले के लगभग 3,30,000 निवासियों को वहां से निकल जाने को कहा था। तेहरान पश्चिम एशिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है, जिसकी आबादी लगभग एक करोड़ है, जो मोटे तौर पर इजराइल की कुल जनसंख्या के बराबर है।
जी-7 देश बोले- ईरान के पास नहीं होना चाहिए परमाणु हथियार
कनाडा में आयोजित जी-7 देशों के नेताओं की बैठक में एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये गए, जिसमें इजराइल और ईरान के बीच लड़ाई में तनाव कम करने का आह्वान किया गया। साथ ही इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि है ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि हम, जी-7 के नेता, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। इस संदर्भ में, हम पुष्टि करते हैं कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। हम इजराइल की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं।
बयान में कहा गया है कि हम नागरिकों की सुरक्षा के महत्व की भी पुष्टि करते हैं। ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का प्रमुख स्रोत है। हमारा लगातार यह स्पष्ट रुख रहा है कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट के समाधान से पश्चिम एशिया में शत्रुता में व्यापक कमी आएगी, जिसमें गाजा में युद्ध विराम भी शामिल है। हम अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति सतर्क रहेंगे और बाजार की स्थिरता की रक्षा के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ समन्वय करने के लिए तैयार रहेंगे। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma