मिस्र के पुरातत्वविदों ने मिस्र की राजधानी काहिरा से कुछ 300 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में नक्काशीदार प्लास्टर में 14 ताबूतों को खोज निकाला है। इनमें से एक ताबूत एक महिला का है।
इस खुदाई का नेतृत्व करने वाले महमूद अफीफी का कहना है कि यह बहरिया ओएसिस में पाई गई रोमन शैली की पहली ममी है। यह ग्रीको रोमन समय की 14 कब्रों की खोज का हिस्सा है। महमूद अफीफी ने कहा कि यह एक अनोखी खोज है और प्रारंभिक परीक्षा इस ताबूत के अंदर एक ममी के होने का संकेत दे रही है। यह ताबूत केवल 3 फुट यानि 1 मीटर लंबा है और एक ऐसी महिला को दर्शाता है जिसने एक लंबा अंगरखा, सर पर स्कार्फ, कंगन, मोतिओं का हार और जूते पहने है। ताबूत में आँखों की जगह पर जड़े रंगीन पत्थरों की उपस्थिति से ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह महिला जाग रही हो।
अफीफी ने कहा कि दफनाने की यह शैली इस बात के संकेत देती है कि इसे मिस्र के रोमन शासन के समय दफनाया गया था। यह शासन कई ईसा पूर्व 31वी शताब्दी से शुरू हो कर कई सौ सालों तक चला था। यह ताबूत ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का हो सकता है।
बड़े घराने की ममी : ताबूत के इतने छोटे होने के कारण यह सन्देह जताया जा रहा था कि यह किसी बच्चे का हो सकता है। लेकिन ताबूत पर की गई सजावट और गहनों को देख कर तो यही लगता है कि यह किसी महिला का है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर मरने के बाद ममी अपना आकार बदलती हैं और छोटी हो जाती हैं, लेकिन यह भी हो सकता है कि यह महिला बेहद छोटी थी।
फिलहाल यह तो नहीं कहा जा सकता है कि यह ताबूत किस महिला का है, पर यह निश्चित है कि यह महिला किसी बड़े घराने की थी। इसीलिए उसके ताबूत पर इतनी मेहनत से नक्काशी की गई है। उन्होंने यह भी बताया की छोटे कद की लोगों के ममी पहले भी मिस्र में पाए गए हैं। वे स्थानीय धर्मों के महत्वपूर्ण लोगों के रहे हैं।
पुरातत्वविदों को सोने का एक टुकडा भी मिला है जिस पर मिस्र के भगवान होरस के चार बेटों की तस्वीरें बनी हैं। इसके इलावा कई काँच और मिट्टी के बर्तन और कुछ धातु के सिक्के भी पाए गए हैं। इन सिक्कों की भी जाँच की जा रही है। इस से इस बात की पुष्टि की जा सकेगी कि यह किस समय के हैं।