शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. करियर
  4. »
  5. समाचार
  6. प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ ए.बालसुब्रमण्यन मध्यप्रदेश में
Written By WD

प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ ए.बालसुब्रमण्यन मध्यप्रदेश में

A. Balasubramanian | प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ ए.बालसुब्रमण्यन मध्यप्रदेश में
श्री बालाजी सोसायटी, पुणे के प्रमुख डॉ. (कर्नल ) ए बालसुब्रमण्यन, न केवल एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं बल्कि वे कॉर्पोरेट और शिक्षा जगत में जाना पहचाना नाम हैं। श्री बालाजी सोसायटी (एसबीएस ) में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्रवेश प्रक्रिया के दौरान बालसुब्रमण्यन 29 और 30 मार्च 2014 को इंदौर प्रवास पर रहेंगे औअपनअनुभवोछात्रोसासाझकरेंगे

PR
श्री बालाजी सोसायटी अपने सभी चार प्रबंधन संस्थानों - बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ मॉर्डन मैनेजमेंट (BIMM), बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ टेर्लीकॉम & मैनेजमेंट (BITM), बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस (BIIB) और बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट & एचआरडी (BIMHRD) के लिए छात्रों के लिए सामान्य चयन प्रक्रिया आयोजित करता है।

प्रवेश के लिए एसबीएस ने अपनी खुद की व्यापक चयन प्रक्रिया तैयार की है, इसलिए, यह केवल कैट / मैट / CMAT / XAT में हासिल स्कोर के आधार पर नहीं है। वास्तव में, यह केवल 30 % कैट / मैट / CMAT / XAT स्कोर को महत्व देता है, इसमे उम्मीदवार को समूह चर्चा (जीडी), व्यक्तिगत साक्षात्कार ( पीआई ) और निबंध लेखन मे अंक कमाने का अवसर हैं। जीडी को 40 % वेटेज दिया है। पर्सनल इंटरव्यू और निबंध लेखन में अर्जित स्कोर 30 % वेटेज दिया जाता है।

डॉ. (कर्नल ) ए बालसुब्रमण्यन खुद जीडी मे उपस्थित रहेंगे। इस प्रक्रिया से गुजरना छात्रों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा। प्रक्रिया के प्रारंभ होने से पहले वे छात्रों के लिए एक सार्वजनिक भाषण देंगे। डॉ. बालसुब्रमण्यन ने प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में कई नवीन विचारों को पेश किया है, इसलिए, एसबीएस में इन छात्रों को कॉर्पोरेट नागरिकता (corporate citizenship ) के लिए तैयार करने के लिए दो साल के लिए लगातार 365 दिन कक्षाओं को चलाने पर जोर दिया है।

ए बालसुब्रमण्यन परिचय : डॉ. (कर्नल ) ए. बालसुब्रमण्यन एक ट्रिपल पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उसके रचनात्मक दृष्टिकोण से एक दुर्लभ व्यक्तित्व हैं। वह अभी भी एक छात्र होने का दावा करते है। 28 वर्ष तक एक सैनिक, एक प्रशिक्षक, एक परामर्शदाता, प्रबंधन में पांच पुस्तकों के लेखक, 100 से अधिक लघु कथाओं और दो ​​उपन्यासों के लेखक हैं। वह ऐसे पहले हैं जो विशेष रूप से रक्षाकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए भारत में पहली पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट संस्थान बनाने की कल्पना की।