Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
सोमवार, 5 अक्टूबर 2009 (18:48 IST)
विकास दर 6.3 फीसद से ज्यादा होगी:मोंटेक
योजना आयोग ने सोमवार को कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर 6.3 प्रतिशत के उसके लक्ष्य को पार कर जाएगी और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सूखे का प्रभाव उतना खराब नहीं पड़ेगा, जितनी आशंका व्यक्त की गयी थी।
आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा‘मैं योजना आयोग द्वारा लगाये गये 6.3 प्रतिशत के अनुमान में किसी तरह का संशोधन नहीं कर रहा हूँ।’साथ ही कहा कि वह निम्न विकास दर की आशंका को समाप्त कर रहे हैं।
आयोग ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर अपनी रपट में चालू वित्त वर्ष के दौरान 6. 3 प्रतिशत विकास दर रहने की उम्मीद व्यक्त की है। यह रपट एक सितंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पेश की गयी थी।
अहलूवालिया ने कहा कि सूखा अभी भी चिन्ता का विषय है लेकिन इसका जीडीपी पर उतना नकारात्मक असर नहीं पडेगा,जितनी आशंका व्यक्त की गयी थी। अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवित होने के पूरे संकेत हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में छह प्रतिशत विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है जबकि दिल्ली स्थित एजेंसी नेशनल काउंसिल फार एप्लाइड इकानामिक रिसर्च को सात प्रतिशत विकास दर की उम्मीद है।
लगातार तीन साल नौ प्रतिशत की दर से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था की विकास दर 2008-09 के दौरान गिरकर 6.7 प्रतिशत रह गयी थी। वैश्विक मंदी के कारण ऐसा हुआ। अप्रैल से जून 2009-10 के दौरान आर्थिक विकास दर 6.1 प्रतिशत रही थी।