Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011 (18:08 IST)
भारत और मलेशिया में आर्थिक समझौता
भारत और मलेशिया ने वर्ष 2015 तक आपसी व्यापार 15 अरब डॉलर करने के लक्ष्य के साथ शुक्रवार को एक व्यापक आर्थिक सहयोग का समझौता (सीका) किया। 2010 में दोनों देशों के बीच व्यापार करीब 9 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर था।
समझौते के लागू होने के बाद मलेशिया में भारत के आम, सूत, मोटरसाइकिलों, ट्रक ओर बासमती चावल समेत बहुत सी वस्तुओं पर कम सीमा शुल्क लगेगा। इसके बदले भारत, मलेशिया से आने वाले फलों, इंजीनियरिंग वस्तुओं और रसायनों पर आयात शुल्क कम करेगा।
कई दौर की बातचीत के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मुश्ताक मोहम्मद ने कुआलालंपुर में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मलेशिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब रजाक तथा दोनों देशों के कई प्रमुख उद्यमी उपस्थित थे।
यह समझौता इसी साल पहली जुलाई से प्रभावी हो जाएगा। इसमें दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को शुल्क आदि की बाधाओं से मुक्त बनाने के साथ साथ आपसी निवेश बढ़ाने के लिए एक व्यापक व्यवस्था करने का प्रावधान है।
समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नजीब ने कहा कि सीका से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग का एक नया और अधिक गहन दौर शुरू होगा। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी याद किया और कहा कि उन्होंने ने इस समझौते के लिए बड़ा सहयोग किया और वह मलेशिया क बड़े अच्छे दोस्त हैं।
पूर्वी देशों के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने की नीति के तहत भारत दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के संघ (आसियान) के साथ मुक्त व्यापार का समझौता पहले ही कर चुका है।
मलेशिया के साथ सात दौर की वार्ताओं के बाद हुए इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारतीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि सीका से आपसी व्यापार 2015 तक 15 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य उससे काफी पहले भी हासिल किया जा सकता है। (भाषा)