कर्ज से मुक्ति दिलाता है गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गजेन्द्र-मोक्ष स्तोत्र का सूर्योदय से पूर्व प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। यह ऐसा अमोघ उपाय है जिससे बड़ा से बड़ा कर्ज भी शीघ्र उतर जाता है। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो। जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रुचि-भोग लगायो। दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।पैठ पाताल काली नाग नाथ्यो, फन पर नृत्य करायो। गिरि गोवर्द्धन कर पर धार्यो नन्द का लाल कहायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।असुर बकासुर मार्यो दावानल पान करायो। खम्भ फाड़ हिरनाकुश मार्यो नरसिंह नाम धरायो।।नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।अजामिल गज गणिका तारी द्रोपदी चीर बढ़ायो। पय पान करत पूतना मारी कुब्जा रूप बनायो।।नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।कौर व पाण्डव युद्ध रचायो कौरव मार हटायो। दुर्योधन का मन घटायो मोहि भरोसा आयो ।।नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।सब सखियां मिल बन्धन बान्धियो रेशम गांठ बंधायो। छूटे नाहिं राधा का संग, कैसे गोवर्धन उठायो ।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।योगी जाको ध्यान धरत हैं ध्यान से भजि आयो। सूर श्याम तुम्हरे मिलन को यशुदा धेनु चरायो।।नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।