Kunjal Kriya : कुंजल क्रिया एक प्राचीन योगिक क्रिया है जो शरीर को शुद्ध करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नमक के पानी को पीकर उल्टी करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। कुंजल क्रिया को अक्सर "वाटर थेरेपी" या "सेलाइन थेरेपी" के रूप में भी जाना जाता है।
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कुंजल क्रिया के 10 बेहतरीन फायदे:
1. पाचन तंत्र को साफ करता है: कुंजल क्रिया पेट और आंतों से विषाक्त पदार्थों, अपच्य भोजन और बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच और एसिडिटी से राहत मिलती है।
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2. शरीर को डिटॉक्स करता है: कुंजल क्रिया शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और त्वचा स्वस्थ रहती है।
3. वजन घटाने में मदद करता है: कुंजल क्रिया से शरीर से अतिरिक्त वसा और कैलोरी बाहर निकल जाती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
4. सांस की समस्याओं से राहत दिलाता है: कुंजल क्रिया फेफड़ों और श्वसन तंत्र को साफ करने में मदद करती है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस जैसी सांस की समस्याओं से राहत मिलती है।
5. मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: कुंजल क्रिया से शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है, तनाव कम होता है और अवसाद से राहत मिलती है।
6. त्वचा की समस्याओं से राहत दिलाता है: कुंजल क्रिया से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।
7. सिरदर्द से राहत दिलाता है: कुंजल क्रिया से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे सिरदर्द से राहत मिलती है।
8. आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: कुंजल क्रिया से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और आंखों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
9. कान के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: कुंजल क्रिया से कान के संक्रमण से राहत मिलती है और कान का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
10. कैंसर से बचाव में मदद करता है: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कुंजल क्रिया से शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है।
कुंजल क्रिया कैसे करें:
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सुबह खाली पेट कुंजल क्रिया करने की सलाह दी जाती है।
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एक गिलास गुनगुने पानी में 1-2 चम्मच नमक घोलें।
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इस नमक के पानी को धीरे-धीरे पिएं।
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नमक के पानी को पीने के बाद, उल्टी करने की कोशिश करें।
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जब तक आपका पेट पूरी तरह से खाली न हो जाए, तब तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।
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कुंजल क्रिया करने के बाद, गुनगुने पानी से गरारे करें और अपना चेहरा धोएं।
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एक बार जब पेट खाली हो जाए तो शवासन में लेट जाएं और लगभग 30 मिनट तक आराम करें।
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कुंजल क्रिया करने के बाद कम से कम 30 मिनट तक कुछ न खाएं-पिएं।
सावधानियां:
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अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो कुंजल क्रिया करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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अगर आपको उल्टी करने में परेशानी होती है, तो कुंजल क्रिया न करें।
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अगर आपको कुंजल क्रिया करने के बाद चक्कर आते हैं या कमजोरी महसूस होती है, तो लेट जाएं और आराम करें।
कुंजल क्रिया एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जिससे शरीर को शुद्ध किया जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर आप कुंजल क्रिया करने का फैसला करते हैं, तो ऊपर दिए गए निर्देशों का पालन करें और सावधानियां बरतें।
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