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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 19 जून 2024 (11:28 IST)

International Yoga Day 2024: योग बदल देता है सेहत और व्यक्तित्व को, जानें कैसे

International Yoga Day 2024: योग बदल देता है सेहत और व्यक्तित्व को, जानें कैसे - Yoga effect on Mind and body
21 june yoga day 2024 : वर्तमान में योग अध्यात्म का विषय कम मानसिक और शारीरिक सेहत का विषय ज्यादा बन गया है। अब तो वैज्ञानिक भी मानने लगे हैं कि यदि नियमित योग किया जाए तो व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से हमेशा स्वस्थ रह सकता है। इसकी के साथ ही वह जीवन में सफलता हासिल भी कर सकता है। संपूर्ण विश्व में योग की धूम है। पश्‍चिमी देशों में योग और योगासन को लेकर बहुत उत्साह है क्योंकि यह लोगों के जीवन और व्यक्तित्व को बदल रहा है।ALSO READ: 21 june yoga day: विश्‍व योग दिवस जानिए योग की संपूर्ण जानकारी
 
1. मानसिक सेहत : आधुनिक युग में योग का महत्व बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। आधुनिक मनुष्य को आज योग की ज्यादा आवश्यकता है, जबकि मन और शरीर अत्यधिक तनाव, वायु प्रदूषण तथा भागमभाग के जीवन से रोगग्रस्त हो चला है। आधुनिक व्यथित चित्त या मन अपने केंद्र से भटक गया है। उसके अंतर्मुखी और बहिर्मुखी होने में संतुलन नहीं रहा। अधिकतर अति-बहिर्मुख जीवन जीने में ही आनंद लेते हैं जिसका परिणाम संबंधों में तनाव और अव्यवस्थित जीवनचर्या के रूप में सामने आया है।ALSO READ: 21 june yoga day theme 2024: 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें इस बार की थीम क्या है?
 
2. शारीरिक सेहत : निरंतर प्राणायाम और योग करते रहने से शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर सेहतमंद बन जाता है। शरीर एकदम लचीला होकर फीट हो जाता है। आप हरदम एकदम तरो-ताजा और खुद को युवा महसूस करेंगे। मेरूदंड सुदृढ़ बनता है जिससे शिराओं और धमनियों को आराम मिलता है। शरीर के सभी अंग-प्रत्यंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं। यदि आप किसी भी प्रकार की बीमारी या रोग से ग्रसित हैं तो अंग संचालन, प्राणायाम करने के बाद धीरे धीरे योगासन भी करते रहेंगे तो निश्‍चित ही आप किसी भी रोग पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। 
 
3. सफलता की राह होती आसान : लगातार योग करते रहने से व्यक्ति में कार्यशीलता बढ़ जाती है और वह अपने जीवन के लक्ष्य जल्द से जल्द पूर्ण करने की ओर फोकस कर देता है। मान लो यदि हमारा जीवनकाल 70-75 वर्ष है तो उसमें से भी शायद 20-25 वर्ष ही हमारे जीवन के कार्यशील वर्ष होंगे। उन कार्यशील वर्षों में भी यदि हम अपने स्वास्थ्य और जीवन की स्थिरता को लेकर चिंतित हैं तो फिर कार्य कब करेंगे? जबकि कर्म से ही जीवन में धन, खुशी और सफलता मिलती है।ALSO READ: शरीर को रबर की तरह लचीला बना देंगे ये 7 योगासन, जानें ज़रूरी सुझाव
 
4. बदल जाता है व्यक्तित्व : योग करते रहने से व्यक्ति का व्यक्तित्व और चरित्र बदल जाता है। वह अपने भीतर से नकारात्मकता और बुरी आदतों को बाहर निकाल देता है। 2 तरह के लोग होते हैं- अंतर्मुखी और बहिर्मुखी। लेकिन योग करते रहने से व्यक्ति दोनों के बीच संतुलन स्थापित करना सीख जाता है। योगी व्यक्ति का व्यक्तित्व अलग ही होता है। भीड़ में उसकी अलग ही पहचान बनती है। वह सबसे अलग ही नजर आता है।
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