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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष - क्या हुआ अगर मैं नारी हूं

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष  - क्या हुआ अगर मैं नारी हूं - poem on women's day in hindi
क्या हुआ अगर मैं नारी हूं।
इतनी बेबस बेचारी क्यों।।
 
क्यों मुझे दबाया जाता है।
क्यों मुझे जलाया जाता है।।

कभी मुझको रौंदा जाता है ।
कभी एसिड फेंका जाता है।।
 
सारे अनुबंध मुझ ही पर क्यों।
सारे तटबंध मुझ ही पर क्यों ।।
 
क्यों रोक नहीं सकता कोई ।
इन होते अत्याचारों को।।
 
क्यों टोक नहीं सकता कोई।
इन दहशतगर्दी बिमारों को ।।

किस-किस से बचू यहां पर में।
और कौन मेरा रखवाला है।।

जिस पर भी करूं भरोसा में ।
वहींसांप निगलने वाला है ।।
 
एक मां की कोख सुरक्षित थी।
अब वह भी नहीं रही अपनी ।।
 
उस पर भी फन फैलाए हैं ।
हैवान ,कुदृष्टि और जुल्मी ।।
 
अब जाऊं कहां यह बतलाए ।
अब कोई रास्ता दिखलाएं।।
 
मन तो ऐसा ही करता है ।
इस दुनिया में ही ना आए ।।
 
मन तो ऐसा ही करता है ।
इस दुनिया में ही ना आए।।
 
नेहा नितिन व्यास