मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है
विश्व स्तनपान सप्ताह : 1 अगस्त से 7 अगस्त तक
मां का दूध अमृत के तूल्य है, क्योंकि उसमें सभी अमीनो एसिड उपलब्ध होते हैं, जो शिशु के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए जरूरी हैं। मां के दूध में सभी पोषक तत्व सरल रूप से उपस्थित होते हैं, जो शिशु के शरीर में पूर्ण रूप से अवशोषित हो जाते हैं। शिशु को जन्म से छः महीने तक सिर्फ मां का दूध ही दें। बच्चे को दूध पिलाने वाली माता का आहार खूब पौष्टिक होना चाहिए। उसमें किसी किस्म की रोकटोक नहीं लगाना चाहिए। कई परिवारों में नई मां को केला खाने से रोका जाता है। वजह यह बताई जाती है केला खाने से बच्चे को जुकाम हो जाता है। इस तरह की कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर कर नवजात शिशु को भरपेट स्तनपान कराया जा सकता है। यहीं से शिशु के स्वस्थ जीवन का आधार रखा जा सकता है। जन्म लेते ही शिशु स्तनपान प्रारंभ कर देता है। गर्भवती महिला को गर्भ के अंतिम महीनों से ही आहार में अधिक कैलोरी, प्रोटीन और वसा बढ़ा देना चाहिए। इससे माता के शरीर में दूध उचित मात्रा में बनता है। नवजात शिशु के समुचित विकास के लिए माता का दूध सर्वोत्तम आहार है।