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Last Updated : गुरुवार, 11 मार्च 2021 (00:46 IST)

विपक्ष के महागठबंधन ने नंदीग्राम से माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट दिया

विपक्ष के महागठबंधन ने नंदीग्राम से माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट दिया - Ticket to Meenakshi Mukherjee of CPI-M from Nandigram
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा नीत विपक्ष के महागठबंधन ने नंदीग्राम सीट से बुधवार को माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट देने की घोषणा की। इस सीट पर माकपा की युवा इकाई की प्रदेश प्रमुख मुखर्जी का मुकाबला मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी तथा भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से होगा।नंदीग्राम सीट पर सब की नजरें हैं, क्योंकि बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी अधिकारी की चुनौती को स्वीकार कर वहां से चुनाव लड़ रही हैं।
 
वाम मोर्चे के अध्यक्ष बिमान बोस ने डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की पश्चिम बंगाल प्रमुख मीनाक्षी मुखर्जी की नंदीग्राम सीट से उम्मीदवारी की घोषणा की। इस हाईप्रोफाइल सीट पर 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होने वाले चुनावों में से 6 चरणों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करते हुए बोस ने कहा कि कई प्रत्याशियों की उम्र 40 साल से कम है जबकि कुछ तो 26-27 साल के ही हैं।
माकपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोस ने कहा कि नंदीग्राम सीट हॉटस्पॉट बन गई है। इससे पहले अटकलें थीं कि इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के नेता और मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी नंदीग्रास सीट से अपना नामांकन दायर करेंगे लेकिन यह सीट वाम मोर्चे के हिस्से में आ गई। बोस ने कहा कि पार्टी में युवाओं को बढ़ावा देने के लिए वाम मोर्चे ने 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए कई नए चेहरों पर भरोसा जताया है।
 
माकपा ने पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम जैसे वरिष्ठ नेता को चंदिताला से तो निवर्तमान विधानसभा में वाम मोर्चे के नेता सुजान चक्रवर्ती को जादवपुर सीट से टिकट दिया है। भाकपा के राज्य सचिव स्वपन बनर्जी ने कहा कि गठबंधन सहयोगी आईएसएफ ने नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने में अनिच्छा दिखाई थी इसलिए इस सीट से माकपा चुनाव लड़ेगी। इसके बदले में आईएसएफ माकपा के हिस्से की एक सीट से चुनाव लड़ेगी। 
स्वपन बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम सीट पहले वाम मोर्चे में साझेदार भाकपा के पास होती थी लेकिन इस बार यह माकपा के हिस्से में आई है। नंदीग्राम सीट से वाम मोर्चे का उम्मीदवार जीतता था लेकिन 2011 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने यह सीट उससे छीन ली थी। 2016 के चुनाव में भी टीएमसी के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी ने जीत हासिल की थी।
वर्ष 2016 के चुनाव में भाकपा के उम्मीदवार को 26.70 प्रतिशत वोट मिले थे और वे दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी को मात्र 5.40 फीसदी ही मत हासिल हुए थे, वहीं अधिकारी को 67.20 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। अधिकारी इस बार नंदीग्राम सीट से भाजपा के टिकट पर चुनावी रण में उतर रहे हैं। गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे में वाम मोर्चे को मिलीं सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करते हुए बोस ने कहा कि कुछ सीटों पर अभी सहमति नहीं बनी है। वाम मोर्चे ने 5 मार्च को 2 चरणों के चुनावों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था।
बोस ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिल्ली में हैं और उनके साथ बातचीत पत्रों के जरिए हो रही है इसलिए कुछ सीटों पर अंतिम फैसला अभी नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आईएसएफ के नेता भी कुछ कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। बोस ने कहा कि कांग्रेस और आईएसएफ उन्हें आवंटित हुईं सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेंगी। कांग्रेस ने पहले 2 चरणों के चुनावों के लिए उन सीटों से अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जो सीटें गठबंधन में उसके हिस्से में आई हैं। (भाषा)
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