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Last Updated : रविवार, 7 मार्च 2021 (16:04 IST)

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार सामग्री की मांग अभी नहीं पकड़ सकी है रफ्तार

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार सामग्री की मांग अभी नहीं पकड़ सकी है रफ्तार - Demand for election campaign material in West Bengal is yet to catch pace
कोलकाता। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी और निर्वाचन आयोग के अंकुशों की वजह से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार सामग्री की मांग पिछले चुनावों की तुलना में काफी घट गई है।

व्यापारियों का कहना है कि अभी तक प्रचार सामग्री की ज्यादातर मांग तृणमूल कांग्रेस की ओर से आई है। तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। व्यापारियों ने कहा, पिछले चुनावों की तुलना में इस बार प्रचार सामग्री की मांग काफी कम है। कोविड-19 महामारी और निर्वाचन आयोग के अंकुश इसकी प्रमुख वजह हैं।

हालांकि व्यापारियों को उम्मीद है कि चुनाव की गर्मी बढ़ने के साथ प्रचार सामग्री की मांग में भी उछाल आएगा।बड़ा बाजार के व्यापारियों को उम्मीद है कि भाजपा के उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी होने के बाद मांग में तेजी आएगी। भाजपा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है।

बड़ा बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री के थोक व्यापारी एसपी टेक्सटाइल के राहुल गंभीर ने कहा, अभी तक 90 प्रतिशत मांग तृणमूल कांग्रेस की है। उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले ही तृणमूल की ओर से प्रचार सामग्री की मांग आ रही है। वाम दलों की मांग पांच प्रतिशत तथा भाजपा की पांच प्रतिशत है। कांग्रेस की ओर से प्रचार सामग्री की अभी कोई मांग नहीं आई है।

बड़ा बाजार में प्रज्ञा पट्टी की संकरी गलियां प्रचार सामग्री का केंद्र है। यहां की दुकानों विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रचार सामग्री से सजी हुई हैं। मुख्य रूप से प्रचार सामग्री में चुनाव चिह्न और राजनीतिक दलों से जुड़े रंग वाली साड़ियां, हूडी, मास्क, झंडे, गुब्बारे और स्कार्फ शामिल हैं। हालांकि प्रचार सामग्री ऑनलाइन भी उपलब्ध है, लेकिन उनकी बिक्री काफी कम है।

फ्लैग कॉर्पोरेशन और फ्लैग शॉप के संस्थापक मुंबई के ज्ञान शाह ने कहा कि हमारी बिक्री ऑनलाइन है। लेकिन हमारे उत्पाद सस्ते नहीं हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं। चुनाव के दौरान मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी, लेकिन महंगे सामान की मांग अधिक नहीं रहती है।

व्यापारियों ने कहा कि उत्पाद के आकार और गुणवत्ता के आधार पर प्रचार सामग्री का दाम पांच रुपए से 200 रुपए तक है। पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव आठ चरणों में होना है। पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को है। वोटों की गिनती दो मई को की जाएगी।(भाषा)