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Last Updated : शुक्रवार, 27 जून 2025 (13:10 IST)

कथावाचक विवाद पर काशी विद्वत परिषद का बड़ा बयान, सभी हिंदुओं को कथा का अधिकार

इटावा में कथा वाचकों मुकुटमणि और संतराम की जाति पर मचा है बवाल

kashi vidvat parishad
Kashi news in hindi : उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में जाति के नाम पर कथा वाचकों की कथित पिटाई और दुर्व्यवहार के मामले में काशी विद्वत परिषद ने शुक्रवार को कहा कि भागवत कथा करने का अधिकार सभी हिंदुओं को है और किसी भी हिन्दू को इससे रोका नहीं जा सकता। ALSO READ: इटावा में जाति पूछकर कथावाचक को पीटा, सिर मुंडवाया, रगड़वाई नाक
 
इटावा जिले के दंदारपुर गांव में 22-23 जून की दरमियानी रात को भागवत कथा करने वाले दो वाचकों मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव का कथित तौर पर ‘ऊंची जाति’ के लोगों ने मुंडन कर दिया और उन्हें अपमानित किया गया। कथा वाचकों के यादव जाति के होने से मामले को लेकर सूबे की सियासत गर्मा गई।
 
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने मामले पर कहा कि भागवत कथा करने का अधिकार सभी हिन्दुओं को है। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन परम्परा में ऐसे तमाम गैर ब्राह्मण लोग हुए हैं, जिनकी गणना ऋषि के रूप में की गयी है। इनमें चाहे महर्षि वाल्मीकि, वेदव्यास हों या रविदास हों, सनातन परम्परा में सभी को सम्मान और आदर प्राप्त हुआ है।
 
द्विवेदी ने कहा कि जो शास्त्रों को जानते हैँ, भक्ति भाव, सत्यनिष्ठ, ज्ञानवान और जानकार हैं, उन्हें कथा कहने का अधिकार है। जो ज्ञानी है, वही पंडित या ब्राह्मण कहलाने का अधिकारी है। कुछ लोग राजनितिक लाभ के लिए हिन्दुओं को आपस में लड़ाना चाहते हैं, हिन्दुओं को इस बात को समझना चाहिए और आगे इस तरह की गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए।
 
उन्होंने यह भी कहा कि इटावा में जिस तरह से कानून का उलंघन किया गया, अगर यह सत्य है तो प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर संवैधानिक तरीके से काम करना चाहिए और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ALSO READ: UP : कथावाचक कांड के बाद दांदरपुर गांव में बवाल, पुलिस की गाड़ियों पर पथराव
 
संपूर्णनंद संस्कृत विविद्यालय के कुलपति प्रोफसर बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि कथावाचन के लिए शास्त्रों में जाति के आधार पर कोई भेद नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी योग्य व्यक्ति कथा वाचन कर सकता है और ज्ञान का जाति के आधार पर कोई भेद नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्ञान सबको एक समान देखता है। सभी में ईश्वर का वास है इसलिए सभी एक समान है। किसी में कोई भेद नहीं है। जिनका आचरण शुद्ध है, जिन्हें शास्त्रों का ज्ञान है, वे सभी ब्राह्मण हैं।
edited by : Nrapendra Gupta 
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