पिंजरे में रहकर खुले में देखिए शेर, इस एडवेंचर पर कितना करना होगा खर्च?
आपने चंबल के बीहड़ों के बारे में सुना ही होगा। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के इटावा में पहले बागी यानी डकैत आसरा पाते थे लेकिन अब इटावा जिले के 350 हेक्टेयर निर्जन इलाके में सिंह गर्जना सुनाई देती है और दिखता है पर्यटकों का कौतुहल। इटावा सफारी आज एशिया की सबसे बड़ी सफारी है, जिसमें एशियाटिक लॉयन, तेंदुआ, भालू और हिरण हैं लेकिन इन दिनों यह शेरों यानी एशियाटिक लॉयन के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है।
नए साल में पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या हो सकती है क्योंकि इटावा सफारी के 5 हेक्टेयर इलाके में चार शेरों को बाड़े से निकालकर खुले में छोड़ दिया गया है। ये सभी मादा यानी शेरनिया हैं। जल्द ही कान्हा नाम के नर शेर को भी खुले में छोड़ने की तैयारी है।
सफारी में इस समय 17 शेरों का कुनबा है जिसमे 5 शेरों को खुले में पहली बार छोड़ा गया है। शेरों के लिए खुले में माहौल अनुकूल होते ही लॉयन सफारी के लिए बनाई गई कुल जगह 23 हेक्टर भूमि में सभी शेरों को छोड़ दिया जायेगा। सफारी प्रबंधन की चिंता विलुप्त होते एशियाई शेरों के अनुकूल वातावरण बनाने के साथ उनके स्वास्थ्य और वंश वृद्धि को लेकर है जिसके लिए सफारी स्टाफ सदा चौकस रहता है।
देश में इस समय एशियाटिक लॉयन गिर के जंगलों में है। इन्हें गिर के अतिरिक्त देश में अन्य जगहों पर भी बसाने की कवायदें होती रहीं हैं लेकिन उनमें बाधाएं आती रही हैं। चंडीगढ़ के निकट मोहाली में छतबीड़ का लॉयन सफारी भी पर्यटकों को खूब लुभाता है लेकिन शेरों के लिए बहुत मुफीद साबित नहीं हुआ है।
इटावा सफारी सपा के सिरमौर रहे मुलायम सिंह का सपना था और उनके पुत्र व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट जिसे वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में गति मिली है। यह सफारी ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों को महज दो घंटे की ड्राइविंग दूरी और राजधानी लखनऊ से लगभग तीन घंटे की ड्राइव कर पहुंचा जा सकता है। यहां मौजूद विजयंत टैंक और स्टीम लोकोमेटिव रेल इंजन के अलावा 4डी थियेटर पर्यटकों को खूब लुभाते हैं।
सफारी के एक हिस्से में शेर सफारी के अलावा भालू सफारी, हिरण सफारी और हाथी सवारी भी है लेकिन पहली बार शेरों को खुला छोड़ा गया है जिससे अब शेर खुले में और आदमी पिंजड़े में रहकर एक दूसरे को देखेंगे।
कितना होगा खर्च : सफारी प्रबंधन के मुताबिक शेरों को खुले में पिंजड़े से सॉफ्ट रिलीज करने के बाद पर्यटकों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है। शेरों को सफारी में खुले में देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं आसपास के जिलों से लोग बड़ी संख्या में शेर देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
प्रतिदिन जहां पहले पांच सौ पर्यटक सफारी आते थे अब उनकी संख्या एक हजार के ऊपर हो गई है। सफारी में घूमने के लिए फिलहाल दो बस और एक जीप हैं। सफारी का प्रवेश टिकट 200 रुपए और 12 साल तक के बच्चों के लिए 50 रुपए है, जबकि विदेशियों को इसके लिए 500 और 400 रुपए खर्च करने होंगे। सुबह सात से पांच बजे तक आप यहां शेरों से पिंजड़ेनुमा बस या जीप में रहकर मुलाकात कर सकते हैं।