Milkipur by election: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को उत्तरप्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur by election) के उपचुनाव में पीठासीन अधिकारियों द्वारा फर्जी मतदान का 'टारगेट' पूरा किए जाने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) और निर्वाचन आयोग से इसका का संज्ञान लेने का आग्रह किया। अखिलेश ने इन पीठासीन अधिकारियों को 'लोकतंत्र के दुश्मन' करार दिया है।
यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का ऑडियो साझा करते हुए कहा कि ये हैं पीठासीन अधिकारियों की सच्चाई का स्टिंग ऑपरेशन जो सत्ताधारी दल के लिए फर्जी मतदान का 'टारगेट' पूरा कर रहे हैं। इनके बूथों पर तुरंत चुनाव रद्द किया जाए और इन्हें प्रथम दृष्टया ऑडियो सुबूतों के आधार पर निलंबित किया जाए और फिर उचित न्यायिक कार्रवाई के बाद बर्खास्त भी।
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चुनावी धांधली और हेराफेरी के आरोप : उन्होंने कहा कि अधिकारियों की चुनावी धांधली और हेराफेरी के ऐसे और भी वीडियो-ऑडियो आ रहे हैं। जब इनकी नौकरी जाएगी और समाज में बदनामी होगी, शायद तब इनका ईमान और जमीर जागेगा। सरकार इनका इस्तेमाल करके अपना हाथ झाड़ लेगी, तब ये जेलों में होंगे और अपने समाज, परिवार और बच्चों की नजर में अपमान की जिंदगी जीएंगे।
सपा प्रमुख ने कहा कि हम उन सब ईमानदार और सच्चे अधिकारियों की प्रशंसा करते हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय से दिए गए फर्जी मतदान के टारगेट को मानने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के ऐसे दुश्मनों का तत्काल संज्ञान लें।
इससे पहले, अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव में पुलिस अधिकारियों द्वारा मतदाताओं में भय व्याप्त करने के लिए अवैध रूप से उनके पहचान पत्रों की जांच करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से उन पुलिस अधिकारियों को तत्काल हटाने की मांग की है।
निर्वाचन आयोग से भी संज्ञान लेने की मांग : यादव ने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि निर्वाचन आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच कर रही है जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
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सपा प्रमुख द्वारा साझा की गई तस्वीर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी मतदाता का कोई दस्तावेज देखता नजर आ रहा है। यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए। इस बीच अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैयर ने सपा प्रमुख द्वारा लगाए गए आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 'एक्स' पर पोस्ट की गई तस्वीर में पुलिसकर्मी एक मतदान एजेंट की पहचान की पुष्टि कर रहे हैं। नैयर ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस के अधिकारी मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच नहीं कर रहे हैं।
फैजाबाद के सपा के सांसद अवधेश प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाकर मतदाताओं को प्रभावित करना और धमकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले कुछ महीनों में खुद मिल्कीपुर का 10 बार दौरा किया और 16 मंत्रियों को तैनात किया लेकिन इससे मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ा और वे सपा का ही समर्थन कर रहे हैं।
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अयोध्या में चुनाव अधिकारियों ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और शिकायतों पर गौर किया जा रहा है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान बुधवार सुबह 7 बजे शुरू हो गया। अयोध्या के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी सी. वी. सिंह ने बताया कि मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मतदान बुधवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक चलेगा।
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने 'एक्स' पर कई पोस्ट डालकर कुछ मतदेय स्थलों पर फर्जी मतदान कराए जाने और कई स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खराब होने की शिकायत आयोग से की है। अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित इस सीट पर 3.71 लाख से अधिक मतदाता मैदान में उतरे 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। हालांकि, मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) के अजीत प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चंद्रभानु पासवान के बीच होने की उम्मीद है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए अवधेश प्रसाद के 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट से सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta