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Last Modified: अयोध्या , बुधवार, 15 जनवरी 2025 (18:28 IST)

अयोध्या मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अहम हो सकते हैं

अयोध्या मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अहम हो सकते हैं - Ayodhya Milkipur Assembly By-election
Milkipur Assembly By-election News : उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के परिणाम प्रदेश में होने वाले 2027 के आम विधानसभा चुनाव के लिए अहम हो सकते हैं, क्योंकि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र रामनगरी अयोध्या जनपद का ही एक हिस्सा है, जब अभी हुए लोकसभा चुनाव में फैज़ाबाद लोकसभा सीट भाजपा ने गंवाई, जिस पर सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की तो इसकी चर्चा भारत के कोने-कोने में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जोरों पर हुई। इतना ही नहीं, फैज़ाबाद लोकसभा सीट का असर आसपास की सीटों पर भी ऐसा पड़ा कि फैज़ाबाद मंडल की किसी भी सीट पर भाजपा जीत नहीं दर्ज कर सकी।

मिल्कीपुर विधानसभा, जहां सपा से वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक अवधेश प्रसाद चुने गए थे, जिनके इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई जिसके लिए अब उपचुनाव होने जा रहा हैं। इस सीट से सपा ने फैज़ाबाद से नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है, वहीं भाजपा ने भी युवा चेहरे के रूप में दो बार के जिला पंचायत सदस्य रहे चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है।
दोनों ही पार्टी के युवा प्रत्याशी हैं, जिनकी सीधी टक्‍कर है, जहां एक तरफ सपा अपनी इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, वहीं दूसरी तरफ फैज़ाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार की भरपाई करने के लिए मिल्कीपुर विधानसभा सीट भगवा ध्वज फहराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद 15 जनवरी को अपना नामांकन भी दो सेटों में दाखिल कर चुके हैं और उन्होंने दावा किया है कि मिल्कीपुर सीट भारी मतों से जीत रही है और भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान 16 जनवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। आजाद समाज पार्टी ने रणधीर भारती कोरी को अपना प्रत्याशी बनाया है जो केवल वोट कटवा का किरदार निभाएंगे, लेकिन मुख्य मुकाबला सपा-भाजपा के बीच में है।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र आरक्षित सीट है, जहां 3 लाख 23 हजार मतदाता हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या एक लाख है, जिसमें 60 हजार मतदाता पासी समाज से हैं जो कि इस उपचुनाव की दशा और दिशा बदलने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी इसी समाज से हैं, जहां चुनाव बड़ा ही रोचक होने वाला है।