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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 10 मार्च 2022 (20:18 IST)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आखिर अखिलेश यादव क्यों हार गए?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आखिर अखिलेश यादव क्यों हार गए? - Why did Akhilesh Yadav lose the last Uttar Pradesh assembly election?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत्ता में वापसी कर नया कीर्तिमान रच दिया है। उत्तर प्रदेश चुनाव मोदी योगी की जोड़ी को अकेले चुनौती देने वाले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी भले ही 2017 के मुकाबले अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया हो लेकिन वह जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाए। अखिलेश यादव जिनकी सभाओं में जनसैलाब तो खूब उमड़ा लेकिन यह जनसैलाब वोट में नहीं बदल पाया और समाजवादी पार्टी के सत्ता में वापसी के सपने चकनाचूर हो गए।
उत्तर प्रदेश की सियासत को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार और भाजपा की जीत के एक नहीं कई कारण है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हार पर रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि आमने-सामने की लड़ाई में समाजवादी पार्टी को 10 फीसदी वोटरों का फायदा तो हुआ लेकिन वह सीट नहीं जीत सकी।
चुनाव परिणाम को देखे तो पता चलता है कि अखिलेश यादव को किसानों और बेरोजगारों ने मदद तो की लेकिन अखिलेश को चुनाव में जिस पिछड़े वर्ग से समर्थन की उम्मीद थी वह नहीं मिला। चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर जो पिछड़े वर्ग के नेता भी सपा के साथ आए थे वह भी चुनाव हार गए।   
 
विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का ओबीसी वर्ग पर ज्यादा फोकस दिया जिससे की अपर कास्ट का वोटर सपा से दूर हो गया है। अपर कास्ट वोटर में एक डर यह हावी हो गया है कि समाजवादी पार्टी के सत्ता में आते ही आरक्षण और जातिगत जनगणना जैसी कवायद नहीं होने लगे। इसके साथ चुनाव में अखिलेश यादव की हार का बड़ा कारण टिकट वितरण भी रहा जिसका खमियाजा समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ा।
 
इसके साथ सपा की हार का बड़ा कारण चुनाव में 80 बनाम 20 फीसदी का हावी रहना है। इसके साथ समाजवादी पार्टी के प्रति वोटरों की वह सोच की जिस सपा के सत्ता में आते ही है मुसलमान हावी नहीं हो जाए। इसके चलते वोटरों का झुकाव भाजपा की ओर चला गया। 
 
चुनाव में भाजपा ने 80 बनाम 20 फीसदी की लड़ाई का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया और भाजपा को इसका सीधा लाभ मिला। इसके साथ सपा पर मुस्लिम परस्त और अपराधियों को सरंक्षण देने का जो ठप्पा लगा था उसको भी अखिलेश लाख कोशिशों के बाद दूर नहीं कर पाए।
 
इसके साथ पूरे चुनाव में अखिलेश अकेले लड़ते नजर आए। वहीं भाजपा की जीत का सबसे बड़ा कारण सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीबों के लिए चलाई जा रही मुफ्त योजनाएं और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी स्कीम रही। लाभार्थी जैसी स्कीम ने चुनाव में बड़ा रोल अदा किया और चुनाव में महिला वोटर भाजपा के साथ गया।  
 
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