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Last Updated : सोमवार, 22 जुलाई 2024 (16:30 IST)

Economic Review: कृषि सुधारों को आगे बढ़ाने पर बल, कृषि क्षेत्र की कई प्रमुख चुनौतियों की पहचान की

कृषि परिदृश्य को बदलने में तकनीकी हस्तक्षेप और कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया गया

Economic Review: कृषि सुधारों को आगे बढ़ाने पर बल, कृषि क्षेत्र की कई प्रमुख चुनौतियों की पहचान की - Emphasis on advancing agricultural reforms in the Economic Review
Economic Review: भारत के कृषि क्षेत्र (agriculture sector) में व्यापक सुधारों की जरूरत है। संसद (Parliament) में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा (Economic Review) में यह बात कही गई है। समीक्षा में ऐसे संरचनात्मक मुद्दों का हवाला दिया गया है, जो देश की समग्र आर्थिक वृद्धि (economic growth) की राह में बाधा बन सकते हैं।

 
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश समीक्षा में कृषि क्षेत्र के समक्ष कई प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई है जिनमें खाद्य मुद्रास्फीति को प्रबंधित करते हुए वृद्धि को बनाए रखने की आवश्यकता, मूल्य खोज तंत्र में सुधार और भूमि विखंडन की समस्या का समाधान शामिल है।

 
समीक्षा कहती है कि भारत के वृद्धि पथ में अपनी केंद्रीय भूमिका के बावजूद कृषि क्षेत्र को संरचनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसका देश की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है। समीक्षा के अनुसार नीति-निर्माताओं को किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और खाद्य कीमतों को स्वीकार्य सीमा के भीतर रखने के बीच एक उचित संतुलन बनाना होगा। समीक्षा में कहा गया है कि इस दोहरे उद्देश्य के लिए सावधानीपूर्वक नीतिगत दखल की आवश्यकता है।
 
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इसमें रेखांकित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में छिपी हुई बेरोजगारी को कम करने, फसल विविधीकरण को बढ़ाने और क्षेत्र में समग्र दक्षता को बढ़ाने की आवश्यकता शामिल है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए समीक्षा में बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है।

 
प्रमुख सुझावों में कृषि प्रौद्योगिकी का उन्नयन, कृषि पद्धतियों में आधुनिक कौशल का अनुप्रयोग, कृषि विपणन के अवसरों में वृद्धि, मूल्य स्थिरीकरण, खेती में नवाचार को अपनाना, उर्वरक, जल और अन्य सामग्रियों के उपयोग में अपव्यय को कम करना तथा कृषि-उद्योग संबंधों में सुधार करना शामिल हैं।
 
समीक्षा में कृषि परिदृश्य को बदलने में तकनीकी हस्तक्षेप और कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया गया है। इसमें इस क्षेत्र की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।

 
समीक्षा में कहा गया है कि पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों ने आने वाले वर्षों में सतत मध्यम से उच्च वृद्धि की नींव रखी है। समीक्षा के अनुसार साल 2047 या उससे अधिक तक की एक पीढ़ी के लिए वृद्धि को बनाए रखने के लिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लोगों के जीवन को बेहतर बनाए तथा उनकी आकांक्षाओं को पूरा करे, नीचे से ऊपर की ओर सुधार आवश्यक हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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