यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी माथियास श्माले ने देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली उत्पादन और वितरण केन्द्रों पर सिलसिलेवार हमले जारी रहने पर गहरी चिन्ता जताई है। उन्होंने कहा कि यह हिंसक टकराव अब एक टेक्नोलॉजी युद्ध, एक ड्रोन युद्ध में तब्दील होता जा रहा है और इस वर्ष हमलों में हताहत होने वाले कुल आम नागरिकों में करीब एक-तिहाई, ड्रोन हमलों में मारे गए हैं या घायल हुए हैं।
यूक्रेन में यूएन रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर और मानवतावादी समन्वयक माथियास श्माले ने शुक्रवार को जिनीवा में जानकारी देते हुए कहा कि इन हमलों से आम नागरिकों को मनोवैज्ञानिक बोझ से जूझना पड़ रहा है और मानवीय स्थिति खराब हुई है। सर्दी के मौसम से पहले, देश के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर किए जा रहे हमलों से बिजली आपूर्ति ठप हो रही है और संयंत्रों की मरम्मत कर पाना कठिन हो रहा है। जिससे आगामी महीनों में हालात और बिगड़ने की आशंका है।
हम लड़ाई के अग्रिम मोर्चे के नज़दीक ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत चिन्तित हैं, जो कि एक बड़े संकट में तब्दील हो सकती है। रूसी सैन्यबलों ने गुरुवार को यूक्रेन में बड़े पैमाने पर हमले किए थे, जिनमें महत्वपूर्ण ऊर्जा संयंत्रों व बुनियादी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। 700 से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया और इसे फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण के बाद से किए गए सबसे बड़े हमलों में गिना जा रहा है।
यूएन रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर ने कहा कि यदि लड़ाई के अग्रिम मोर्चे पर स्थित शहर, ज़ैपोरिझझिया, ख़ारकीव और ड्निप्रो में ऊंची इमारतों में सर्दी के मौसम में लोग बिना बिजली या सुरक्षित जल के फंसे रहे, तो उपलब्ध संसाधनों के ज़रिए ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि हम संकट के भीतर इस एक और संकट का सामना कर पाएंगे।
माथियास श्माले ने क्षोभ जताया कि ऊर्जा उत्पादन, बिजली आपूर्ति क्षमता को सर्दी के महीनों से पहले ध्वस्त करने से आम नागरिकों पर सीधा असर होगा और यह आतंक का ही एक रूप है।
ड्रोन युद्ध
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह हिंसक टकराव अब एक टेक्नोलॉजी युद्ध, एक ड्रोन युद्ध में तब्दील होता जा रहा है। वर्ष 2025 में हमलों में हताहत होने वाले आम नागरिकों में करीब एक-तिहाई, ड्रोन हमलों में मारे गए हैं या घायल हुए हैं। 2024 की तुलना में इस वर्ष मृतकों की संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। गुरुवार को हुए हमले में एक अस्पताल में एक सात वर्षीय लड़की की भी मौत हो गई थी।
इससे पहले ख़ेरसॉन शहर पर हुए हमलों में बच्चों के एक अस्पताल को गम्भीर नुक़सान हुआ था और बच्चे व स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2025 के दौरान, यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर 365 हमलों की जानकारी मिली है।
माथियास श्माले ने कहा कि जैसे-जैसे यह युद्ध लम्बा खिंचेगा, रूसी नियंत्रण वाले यूक्रेनी इलाक़ों में रहने वाले लोगों को भुला दिए जाने का जोखिम बढ़ेगा। एक अनुमान के अनुसार, रूसी क़ब्ज़े वाले इन इलाक़ों में लगभग 10 लाख लोग रह रहे हैं।
नागरिकता पर हमला
यूएन मानवतावादी समन्वयक ने चेतावनी दी है कि इन इलाक़ों में आम लोगों की नागरिकता समेत बुनियादी अधिकारों पर भी हमले हो रहे हैं। मेरी समझ के अनुसार, क़ाबिज़ शक्ति का यह दबाव है कि उसके नियंत्रण वाले इलाक़ों में यूक्रेनी नागरिक अब रूसी दस्तावेज़ों में अपना पंजीकरण कराएं और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें अवैध माना जाएगा और उन्हें उन इलाक़ों से बाहर निकाला जा सकता है या फिर गिरफ़्तारी भी हो सकती है।
माथियास श्माले ने यूक्रेन में मानवीय सहायता अभियान के लिए धनराशि की किल्लत पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इसमें निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। 2022 में मानवतावादी कार्यों के लिए 4 अरब डॉलर उपलब्ध थे, जो कि 2023 में केवल 2.6 अरब डॉलर रह गए। 2024 में वैश्विक संकटों के बावजूद 2.2 अरब डॉलर की रक़म हासिल हुई थी, लेकिन इस वर्ष यह अब तक घटकर 1.1 अरब डॉलर ही रह गई है, जबकि साल खत्म होने में 2 महीने ही बचे हैं।