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Written By UN News
Last Updated : शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (14:23 IST)

गाज़ा: ज़रूरतमन्दों को तत्काल सहायता मिले : एंतोनियो गुटेरेश

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Photo : UN
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहतकर्मियों ने बताया है कि मिस्र और ग़ाज़ा की सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी के ज़रिये, मानवीय राहत सामग्री भेजे जाने के लिए समझौते पर सहमति बनने के नज़दीक है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को रफ़ाह चौकी पहुंचने के बाद ज़रूरतमन्दों के लिए तत्काल सहायता सामग्री रवाना किए जाने की पुकार लगाई है।

यूएन महासचिव ने मिस्र और ग़ाज़ा के बीच सीमा चौकी पर खड़े होकर अपनी भावुक अपील जारी करते हुए उन 20 लाख लोगों की व्यथा उजागर की जो लगभग दो सप्ताह से ग़ाज़ा में पर्याप्त आपूर्ति के बिना फंसे हुए हैं।
‘हम एक विरोधाभास देख रहे हैं। इन दीवारों के पीछे, 20 लाख लोग हैं, जो विशाल पीड़ा से गुज़र रहे हैं, उनके पास ना पानी है, ना भोजन है, ना दवा है, ना ईंधन है, जो आग में झुलस रहे हैं, जिन्हें जीवित रहने के लिए सब कुछ चाहिए’

सीमा चौकी के इस ओर ‘हमारे पास इतने सारे ट्रक, भोजन, पानी व दवाओं से लदे हुए हैं, ठीक वही सामग्री, जिनकी ज़रूरत, दीवार के इस तरफ़ है। ये एक जीवनरेखा हैं। वे ग़ाज़ा में इतने लोगों के लिए जीवन व मृत्यु के बीच का अन्तर है’

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि हमें हर हालत में, इन ट्रकों को जल्द से जल्द, अधिक से अधिक संख्या में वहां ले जाना होगा, और इसके लिए निरन्तर प्रयास जारी रखने होंगे। उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा के लोगों को पर्याप्त सहायता प्रदान करने के लिए ‘हर दिन ट्रक भेजने की ज़रूरत होगी’

'बातचीत में प्रगति' : संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के लिए यूएन समन्वय कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता, येन्स लार्क ने बताया कि सभी प्रासंगिक पक्षों के साथ बातचीत के दौरान प्रगति हुई है, ताकि ग़ाज़ा में जितनी जल्दी हो सके, सही परिस्थितियों में सहायता अभियान शुरू हो सके। उन्होंने कहा, ‘हम इन ख़बरों से प्रोत्साहित हैं कि सम्बद्ध पक्ष विभिन्न पहलुओं पर एक समझौते पर पहुंचने के निकट हैं, और पहली खेप अगले एक दिन में शुरू हो सकती है’

रफ़ाह चौकी पर राहत क़ाफ़िला, पिछले शनिवार से रुका है। यूएन कार्यालय प्रवक्ता ने कहा कि ग़ाज़ा में लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जानी होगी, और ईंधन आपूर्ति की इस संकट में एक जीवन रक्षक की भूमिका है।
महासचिव के प्रवक्ता, स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोशल मीडिया मंच, X पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र ‘ग़ाज़ा के लोगों को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता पहुंचाने का अभियान’ लगातार जारी रखने हेतु सभी प्रयास कर रहा है।
लगभग दो सप्ताह से काबिज़ इलाक़े में ईंधन, भोजन, पानी व दवा की कोई भी आपूर्ति नहीं पहुंच पाई है। इस सप्ताह की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने मानवीय युद्धविराम और ‘तेज़ी से, बिना किसी बाधा के’ सहायता पहुंचाने की अनुमति की अपील की थी।

येन्स लार्क के अनुसार, ‘ग़ाज़ा में हर किसी को, हर स्थान पर सहायता की ज़रूरत है’, लेकिन रफ़ाह ही वो ‘जीवन रेखा’ है, जो ज़रूरतमन्द लोगों तक सीधे पहुंचने का सबसे उचित मार्ग प्रदान करेगी। आरम्भिक अभियान के सीमित दायरे पर उठे सवालों के जवाब में, उन्होंने कहा कि इस पर अभी भी बातचीत चल रही है, लेकिन ‘जितने भी ट्रक अन्दर जा सके, वो कम से कम कोई भी ट्रक न जाने से तो बेहतर ही होगा।

बढ़ती मृतक संख्या : यूएन कार्यालय ने ग़ाज़ा में सत्ताधीन प्रशासन के हवाले से बताया कि 13 दिनों से जारी टकराव में, अब तक ग़ाज़ा पट्टी में 3,785 लोग मारे गए हैं, जिनमें कम से कम 1,524 बच्चे हैं और 12 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं। मानवीय राहत एजेंसियों ने आशंका जताई है कि सैकड़ों लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं, चूंकि बमबारी जारी है और उन्हे अभी तक बाहर निकाल पाना सम्भव नहीं हो पाया है।

मानवीय राहत संयोजन के लिए यूएन कार्यालय ने इसराइल से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि 7 अक्टूबर के बाद से अब तक इसराइल में 1,400 से अधिक लोगों की जान गई है और 4,600 से अधिक घायल हैं। इसराइल का अनुमान है कि ग़ाज़ा में कम से कम 203 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है। यूएन महासचिव ने बारम्बार, हमास से बंधकों को तत्काल, बिना किसी शर्त के रिहा करने की अपील की है। वहीं, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने आगाह किया है कि लोगों को बंधक बनाया जाना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून में निषिद्ध है।