रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. टोक्यो ओलंपिक 2020
  3. टोक्यो ओलंपिक न्यूज़
  4. Neeraj Chopra wanted to break the olympic record in last attempt
Written By
Last Updated : रविवार, 8 अगस्त 2021 (00:21 IST)

गोल्ड पाने के बाद अंतिम प्रयास में 90 मीटर का ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ना चाहते थे नीरज चोपड़ा

गोल्ड पाने के बाद अंतिम प्रयास में 90 मीटर का ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ना चाहते थे नीरज चोपड़ा - Neeraj Chopra wanted to break the olympic record in last attempt
टोक्यो: भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को कहा कि अपने पहले दो थ्रो अच्छा फेंकने के बाद वह ओलंपिक रिकार्ड की कोशिश कर रहे थे।
 
चोपड़ा ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने अंतिम थ्रो से पहले कुछ नहीं सोच रहे थे क्योंकि उन्हें महसूस हो गया था कि वह यहां खेलों में अभूतपूर्व शीर्ष स्थान हासिल कर चुके थे।
 
वह सभी 12 प्रतिस्पर्धियों में पहले तीन प्रयासों में सर्वश्रेष्ठ थे जिससे वह अगले तीन प्रयासों में थ्रो करने के लिये सबसे आखिर में आये। जैसे ही रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जाकुब वाडलेच ने अपना अंतिम थ्रो पूरा किया, चोपड़ा जान गये थे कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीत लिया है।
 
उन्होंने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मैं थ्रो करने वाला अंतिम खिलाड़ी था और हर कोई थ्रो कर चुका था, मैं जान गया था कि मैं स्वर्ण जीत गया हूं, तो मेरे दिमाग में कुछ बदल गया, मैं इसे बयां नहीं कर सकता। मैं नहीं जानता कि क्या करूं और यह इस तरह का था कि मैंने क्या कर दिया है। ’’
 
चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं भाले के साथ ‘रन-अप’ पर था लेकिन मैं सोच नहीं पा रहा था। मैंने संयम बनाया और अपने अंतिम थ्रो पर ध्यान लगाने का प्रयास किया जो शानदार नहीं था लेकिन फिर भी ठीक (84.24 मीटर का) था। ’’
 
उन्होंने यह भी कहा कि वह 90.57 मीटर (नार्वे के आंद्रियास थोरकिल्डसन के 2008 बीजिंग ओलंपिक में बनाये गये) के ओलंपिक रिकार्ड का लक्ष्य बनाये हुए थे लेकिन ऐसा नहीं कर सके।
 
चोपड़ा ने कहा, ‘‘पहले दो थ्रो अच्छा होने के बाद (जो 87 मीटर से ऊपर के थे) मैंने सोचा कि मैं ओलंपिक रिकार्ड की कोशिश कर सकता हूं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ’’
चोपड़ा ने बाद में कहा, ‘‘विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिये मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही स्वर्ण है। ’’
 
चोपड़ा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था।
 
चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया।
नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाये जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गये। उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था।
 
चोपड़ा समझ गये थे कि उन्होंने स्वर्ण पदक पक्का कर दिया है तो वह जश्न मनाने लग गये। स्पर्धा समाप्त होने के बाद चोपड़ा स्टेडियम में मौजूद भारतीय दल के सदस्यों के पास गये और उन्होंने हवा में मुट्ठी भींची। इसके बाद उन्होंने स्वयं पर तिरंगा लपेटा और मैदान पर थोड़ी दूर तक दौड़ लगायी।
चोपड़ा ने अपने करियर का पांचवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे उन्होंने वह कर दिखाया जो 1960 में मिल्खा सिंह और 1984 में पी टी ऊषा नहीं कर पायी थी। 
ALSO READ: टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट को BCCI करेगी मालामाल, नीरज चोपड़ा को मिलेंगे 1 करोड़
ALSO READ: Video : नीरज चोपड़ा को PM मोदी का स्पेशल फोन, बोले- 'पानीपत ने पानी दिखा दिया'
ALSO READ: ओलंपिक चैंपियन भी बनाती है भारतीय सेना, सूबेदार नीरज चोपड़ा हैं इसकी मिसाल, पढ़िए स्वर्णिम सफलता की कहानी
ALSO READ: Tokyo 2020 Olympic : नीरज चोपड़ा ने मिल्खा सिंह को समर्पित किया स्वर्ण पदक
ALSO READ: आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार ने लाकर दिया था 7.5 हजार रुपए का जैवलिन, ऐसी रही है नीरज चोपड़ा के संघर्ष की कहानी
ये भी पढ़ें
नीरज चोपड़ा को Indigo ने दी 1 वर्ष तक नि:शुल्क यात्रा की सुविधा