मरियप्पन, मणिका और रानी को खेल रत्न, 27 खिलाड़ी बने अर्जुन
नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता एथलीट मरियप्पन थंगावेलु, टेबल टेनिस स्टार मणिका बत्रा और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को शनिवार को खेल दिवस के दिन वर्चुअल माध्यम से देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति भवन से वर्चुअल समारोह से अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और आजीवन ध्यानचंद पुरस्कार प्रदान किए।
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जन्मदिन 29 अगस्त को पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिकेटर रोहित शर्मा और महिला पहलवान विनेश फोगाट पुरस्कार समारोह का हिस्सा नहीं बन सके। रोहित इस समय आईपीएल के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं जबकि विनेश फोगाट कोविड-19 से संक्रमित होने के चलते इस समारोह में हिस्सा नहीं ले सकीं। श्री कोविंद ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा, 'मेजर ध्यानचंद से लेकर आज के पुरस्कार विजेताओं और प्रशिक्षकों के विषय में एक बात समान रूप से कही जा सकती है। आप सबके प्रयासों के बल पर विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ता रहा है। आप सबने अपने प्रदर्शन से, सभी भारतवासियों को, सामूहिक सफलता के अहसास के अविस्मरणीय क्षण प्रदान किए हैं। सभी पुरस्कार विजेताओं को मेरी हार्दिक बधाई। मेजर ध्यानचंद, खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य सभी देशवासियों के लिए भी एक आदर्श हैं। साधारण परिवेश तथा सुविधाओं के बीच उन्होंने अपनी निष्ठा व कौशल से हॉकी के मैदान में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं।'
पुरस्कार विजेता खिलाड़ी इस वर्चुअल समारोह के लिए देश के नौ साई केंद्रों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, बेंगलुरु, पुणे, सोनीपत, हैदराबाद और भोपाल से जुड़े जबकि केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन से इस समारोह से जुड़े। रिजिजू ने इस अवसर घोषणा की कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के सात वर्गों में से चार वर्गों की पुरस्कार राशि बढ़ाई जा रही है और अब खेल रत्न विजेता को साढ़े सात लाख रुपए के बजाए 25 लाख रुपए, अर्जुन पुरस्कार विजेता को पांच लाख रुपए के बजाए 15 लाख रुपए, द्रोणाचार्य लाइफटाइम को पांच लाख रुपए के बजाए 15 लाख रुपए, द्रोणाचार्य नियमित को पांच लाख रुपए के बजाए 10 लाख रुपए और आजीवन ध्यानचंद अवार्डी को पांच लाख रुपए के बजाए 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।