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Last Modified: शुक्रवार, 21 जुलाई 2023 (12:27 IST)

एशियाई खेलों के ट्रायल्स पर प्रदर्शनकारियों के छूट का मुद्दा गर्माया, योगेश्वर ने भी की आलोचना

एशियाई खेलों के ट्रायल्स पर प्रदर्शनकारियों के छूट का मुद्दा गर्माया, योगेश्वर ने भी की आलोचना - Junior Wrestlers reaches IOA headquarters to protest against red carpet laid for stalwarts
हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन करने के एक दिन बाद कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच गुरुवार को यहां भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के मुख्यालय पहुंचे और Asian Games एशियाई खेलों के ट्रायल से विनेश फोगाटVinesh Phogat और बजरंग पूनिया Bajrang Punia को दी गई छूट वापस लेने की मांग की।पहलवानों के परिजनों सहित लगभग 150 लोग आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा और तदर्थ पैनल के प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा से मिलने की मांग कर रहे हैं।

उदीयमान खिलाड़ी अंतिम पंघाल के कोच विकास भारद्वाज ने पीटीआई से कहा,‘‘ हम सभी आईओए के शीर्ष अधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हम किसी भी तरह के पक्षपातपूर्ण फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। यह गलत है। हम यहां पैनल से यह आग्रह करने आए हैं कि वह बजरंग और विनेश को दी गई छूट वापस ले। ’’

मौजूदा अंडर-20 विश्व चैंपियन पंघाल और अंडर 23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने तदर्थ समिति के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया था और दावा किया था कि अगर ट्रायल्स में उनका मुकाबला बजरंग और विनेश से होता है तो वे उन्हें हराने में सक्षम हैं।

ये दोनों हालांकि प्रदर्शन करने के लिए ओलंपिक भवन नहीं पहुंचे थे।बाजवा की अगुवाई वाले आईओए के तदर्थ पैनल में मंगलवार को ट्रायल के मानदंड घोषित करते हुए कहा था कि सभी भार वर्गों में ट्रायल्स होंगे लेकिन उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में पहले ही पहलवानों का चयन कर लिया है।पंघाल और सुजीत ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके बजरंग और विनेश को दी गई छूट को वापस लेने के लिए आईओए को निर्देश देने की मांग की है।

योगेश्वर ने ट्रायल्स में बजरंग और विनेश को छूट देने के फैसले की आलोचना की

ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने बुधवार को आईओए के तदर्थ पैनल के बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के चयन ट्रायल्स में छूट देने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह पक्षपातपूर्ण कदम खेल के सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल के इस फैसले के बाद जूनियर पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने भी पैनल की आलोचना करते हुए अदालत में इस फैसले को चुनौती दी।

योगेश्वर ने कहा, ‘‘पिछले छह-सात महीनों से कुश्ती में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा। हम फिर से पहलवानों को सड़कों पर आते हुए नहीं देख सकते क्योंकि कुश्ती पहले ही इतनी शर्मसार हो चुकी है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल, तदर्थ समिति ने एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि एशियाई खेलों के चयन ट्रायल सभी 18 भार वर्गों में 22 और 23 जुलाई को कराये जायेंगे। लेकिन पैनल ने कहा कि 53 किग्रा और 65 किग्रा वर्ग में चयन हो चुका है। हालांकि उसने नामों का खुलासा नहीं किया। इससे बड़ा भ्रम पैदा हो गया। ‘‘

योगेश्वर ने कहा, ‘‘तदर्थ समिति ने यह खुलासा नहीं करके पूरे देश को भ्रमित कर दिया है कि उन्होंने किसे चुना है। पूरी कुश्ती बिरादरी भ्रमित है। आपने कहा था कि चयन महासंघ के नियमों के अनुसार किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सभी पहलवान निराश और भ्रमित हैं। ज्ञान सिंह, अशोक गर्ग और भूपिंदर सिंह बाजवा (तदर्थ पैनल प्रमुख) स्पष्ट कीजिये कि ट्रायल का आधार क्या है और छूट का आधार क्या है। ’’

योगेश्वर ने कहा, ‘‘मैं आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा से अनुरोध करूंगा कि इस पर फैसला कीजिये और कुश्ती को बचाईये। यह अजीब फैसला है। इस फैसले में कोई पारदर्शिता नहीं है। मैंने अंतिम का वीडियो देखा, वह रो रही थी। मैं पहलवानों के साथ हूं। ’’(भाषा)
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