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Written By WD Feature Desk

Parkash Utsav: गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश उत्सव 2024, जानें पर्व के बारे में

Parkash Utsav: गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश उत्सव 2024, जानें पर्व के बारे में - Shri Guru Granth Sahib Parkash Utsav 2024
Guru Granth Sahib
 
HIGHLIGHTS
 
01 सितंबर को गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश दिवस।
भादों अमावस्या के दिन क्या करते हैं। 
 
Guru Granth Sahib : गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाशोत्सव हर साल भादों मास के 15वें दिन यानी भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाता है। 'गुरु ग्रंथ साहिब' सिख समुदाय का प्रमुख धर्मग्रंथ है। पंजाबी कैलेंडर के अनुसार यह छठे महीने में तथा पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व प्रतिवर्ष अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है। इस वर्ष गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश उत्सव पर्व 01 सितंबर, रविवार को मनाया जा रहा है। यह खासकर पंजाब राज्य में मनाया जाता है। बता दें कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश 1 सितंबर 1604 को हुआ।
 
धार्मिक मान्यतानुसार सिख धर्मग्रंथ को गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में जाना जाता है तथा यह सिख गुरुओं और संतों द्वारा बोली गई बानी को प्रकट करता है। ज्ञात हो कि सिख धर्म में धर्मशास्त्र के शब्दों को गुरुबानी के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है 'गुरु के मुंह से' निकली हुई वाणी।
 
श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तक गुरुगद्दी शारीरिक रूप में रही क्योंकि इन सभी गुरु जी ने पांच भौतिक शरीर को धारण करके मानवता का कल्याण किया। माता जाता है कि सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना शरीर का त्याग करने से पहले संपूर्ण सिख कौम को यह आदेश दिया कि आज से आपके अगले गुरु 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब' हैं। और सिख समुदाय का हर बंदा आज से सिर्फ 'गुरु ग्रंथ साहिब' जी को ही अपना गुरु मानेगा और उन्हीं के आगे शीश झुकाएगा। तथा जो उनकी बाणी को पढ़ेगा, वो मेरे दर्शन की बराबरी होगी। 
 
गुरु गोबिंद सिंह जी ने आदेश दिया कि सिख किसी भी शरीर के आगे, मूर्ति के आगे या फिर कब्र के आगे सिर नहीं झुकाएंगे। उनका एक ही गुरु होगा और वो है 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब'। अत: सिख समुदाय के लोग गुरु ग्रंथ साहिब को ही प्रकाश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
 
गुरु ग्रंथ साहिब का महत्व- guru granth sahib importance 
 
- इन्हें 'गुरु ग्रंथ साहेब' भी कहते हैं।
- श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सुबह 4-5 बजे के समय अरदास/ प्रार्थना करके गुरुद्वारे के मुख्‍य कमरे में दर्शन के लिए लाया जाता है।
- फिर वहां बाणी का पाठ होता है। 
- कीर्तन होता है। 
- इस प्रकार रात्रि के 7-8 बजे तक गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश रहता है। 
- फिर दुबारा अरदास करके उन्हें उनके निजी स्थान पर विराजमान किया जाता है।
- हर सिख बच्चे के नाम का पहला अक्षर गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी के पहले अक्षर से लिया जाता है। 
- हर सिख अपना जो भी काम करता है, वो गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे अरदास करके ही किया जाता है।
 
इस दिन क्या करते हैं- guru granth sahib parkash purb
 
- श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाशोत्सव के दिन गुरुद्वारा साहिब से नगर कीर्तन निकाला जाता है। 
- निशान साहिब को चोला साहिब बदलने के साथ अरदास की जाएगी। 
- कीर्तन दरबार में शबद गायन के साथ संगत को निहाल करेंगे।
- कथावाचक सिख समुदाय को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए उसके पालन का आह्वान करेंगे।
- नगर कीर्तन के मार्ग में विभिन्न संस्थाओं द्वारा लंगर लगाया जाता है।
- यह नगर कीर्तन विभिन्न इलाकों से होते हुए पुन: गुरु घर में संपन्न होता है।
- इस दिन धार्मिक रस्में तथा पूजा-अर्चना की जाती है, तथा संकीर्तन मंडली द्वारा दिनभर प्रभु महिमा का गुणगान किया जाता है। 
 
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