मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. शेयर बाजार
  3. समाचार
  4. Big shock to investors, 9.75 lakh crore loss in stock market
Written By
Last Updated : सोमवार, 13 जून 2022 (18:59 IST)

निवेशकों को बड़ा झटका, शेयर बाजार में 9.75 लाख करोड़ डूबे

निवेशकों को बड़ा झटका, शेयर बाजार में 9.75 लाख करोड़ डूबे - Big shock to investors, 9.75 lakh crore loss in stock market
नई दिल्ली। शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट के बीच दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों की पूंजी 9.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक घट गई है। सोमवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,457 अंक और नीचे आया। इससे पहले सप्ताहांत में भी सेंसेक्स 1000 से ज्यादा अंक टूट गया था। 
 
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,456.74 अंक या 2.68 प्रतिशत के नुकसान से 52,846.70 अंक पर आ गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 1,016.84 अंक या 1.84 प्रतिशत टूटा था। शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के अनुरूप बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,75,889.77 करोड़ रुपए घटकर 2 करोड़ 45 लाख 19 हजार 673.44 करोड़ रुपए पर आ गया। 
 
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि व्यापक बिकवाली दबाव के बीच सप्ताह के पहले दिन बाजार में जोरदार गिरावट आई। निवेशकों को इस बात की चिंता है कि केंद्रीय बैंक आगामी महीनों में मुद्रास्फीति पर काबू के लिए और आक्रामक रुख अपना सकते हैं। ऐसा होने पर आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी।
 
चौहान ने कहा कि ब्रेंट कच्चे तेल के दाम चढ़ने, 10 साल के बांड पर प्राप्ति बढ़कर 3.20 प्रतिशत पर पहुंचने और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले बाजार में गिरावट आई।
 
सोमवार को ये कंपनियां रहीं नुकसान में : सेंसेक्स के शेयरों में 7.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फिनसर्व रही। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एनटीपीसी, इन्फोसिस और एसबीआई भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। सेंसेक्स के तीस शेयरों में एकमात्र नेस्ले इंडिया 0.46 प्रतिशत लाभ में रही।
 
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख से घरेलू बाजार भी लुढ़का। कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव के बीच डॉलर के मुकाबले रुपए के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने से भी बाजार पर असर पड़ा। अमेरिका में मुद्रास्फीति के चार दशक के रिकॉर्ड उच्चस्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंचने के साथ वैश्विक बाजारों में तेज बिकवाली हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली जारी रहने से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सप्ताह मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
 
वहीं, एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस. रंगनाथन ने कहा कि फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले कमजोर वैश्विक रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े में कमी आई है। 
 
इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, यह पिछले लगातार 5 माह से भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
 
ये भी पढ़ें
Airtel ने Jio की तरह पेश किया Smart Missed Call फीचर