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Last Updated : गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 (13:09 IST)

Sharad purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, किस समय रखें चंद्रमा की रोशनी में खीर

Sharad purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, किस समय रखें चंद्रमा की रोशनी में खीर - Sharad purnima par kheer kab banaye 2023
Chandra Grahan 2023 : 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को शरद पूर्णिमा का पर्व रहेगा। इस दिन दूध या खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखकर उसे पीने और उसका प्रसाद बांटने की परंपरा है। कहते हैं कि इस दिन की पूर्णिमा के चंद्र की किरणों में जल और दूध को अमृत बनाने का गुण होता है। परंतु इसी दिन चंद्र ग्रहण रहेगा तो फिर ऐसे में खीर को चंद्रमा की रोशनी में कब रखना चाहिए?
 
पहले जान लें कि कब पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ होकर अंत होगा-
 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 28 अक्टूबर 2023 को सुबह 04:17 से प्रारंभ।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 अक्टूबर 2023 को 01:53 AM समाप्त।
 
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय- 28 अक्टूबर 2023 को दिल्ली टाइम के अनुसार शाम 05:19 पर चंद्र उदय होगा जो अगले दिन अस्त होगा।
 
अब जान लेते हैं ग्रहण के प्रारंभ और अंत का समय:-
इस ग्रहण का शुरुआती चरण 28 अक्टूबर की रात 11:31 से प्रारंभ होगा।
इसके बाद मध्य रात्रि 01:06 पर इसका पहला स्पर्श काल रहेगा।
इसके बाद मध्य रात्रि 01:44 पर यह अपने चरम पर रहेगा।
इसके बाद मध्य रात्रि 02:22 पर इसका अंतिम स्पर्श काल रहेगा।
अंत में तड़के करीब 3:55 पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
हालांकि खंडग्रास का समय मध्य रात्रि 01:06 से 02:22 तक ही रहेगा।
 
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब लगेगा?
सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 02:52 पर प्रारंभ होगा।
सूतक काल 29 अक्टूबर को 02:22 एएम पर समाप्त होगा।
कब रख सकते हैं चंद्रमा की रोशनी में खीर या दूध?
 
- कुछ विद्वानों के अनुसार दिल्ली टाइम के अनुसार चंद्रोदय शाम 05:19 पर होगा और ग्रहण का प्रारंभिक चरण 28 अक्टूबर की रात को 11:31 पर प्रारंभ होगा इसलिए उससे पहले खीर या दूध में तुलसी दल रखकर उसे चंद्रमा की रोशनी में रखकर उसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि दूसरे विद्वानों का तर्क है कि परंतु ऐसा करने से भी दूध या खीर में ग्रहण का प्रभाव आ जाएगा क्योंकि ग्रहण का सूतक काल दोपहर 02:52 से प्रारंभ होकर मध्यरात्रि 02:22 पर समाप्त होगा। सूतक काल के पूर्व आप खीर बना लेते हैं तो भी वह ग्रहण से दूषित हो जाएगी। उसे आप ग्रहण के बाद चंद्रमा की रोशनी में रखकर भी नहीं खा सकते हैं। 
 
- कुछ विद्वानों के अनुसार शरद पूर्णिमा की खीर चतुर्दशी की रात यानी 27 अक्टूबर शुक्रवार की रात बना लें। फिर 28 अक्टूबर को जब शरद पूर्णिमा की तिथि प्रातः: काल 04:17 बजे से शुरू हो तो उस समय उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख दें। उस दिन नई दिल्ली टाइम के अनुसार चंद्रास्त प्रातः: 05:42 पर होगा। चंद्रास्त के बाद उस खीर को खा सकते हैं। इसके बाद दिन में पूजा कर सकते हैं।
 
28 अक्टूबर 2023 को शरद पूर्णिमा पर पूजा का शुभ मुहूर्त:-
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:42 से दोपहर 12:27 तक।
विजयी मुहूर्त : दोपहर 01:56 से 02:41 तक।
शुभ योग : इस दिन सौभाग्य, सिद्धि, बुधादित्य, गजकेसरी और शश योग रहेगा।
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