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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 29 जुलाई 2025 (10:34 IST)

तीसरे मंगला गौरी व्रत पर के दिन क्या करना चाहिए, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Third Mangala Gauri Vrat
Mangala Gauri Vrat: आज, 29 जुलाई 2025, मंगलवार को तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है। यह पर्व माता पार्वती को समर्पित है और मंगला गौरी व्रत को अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए रखा जाता है। आज तृतीय मंगला गौरी व्रत के साथ नागपंचमी का भी शुभ संयोग बन रहा है। यहां जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और इस अवसर पर क्या करें...ALSO READ: तीसरे मंगला गौरी व्रत का क्या है महत्व और 3 अचूक उपाय
 
मंगला गौरी व्रत 2025 शुभ मुहूर्त:
 
तीसरे मंगला गौरी व्रत के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
 
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:47 से 05:30 बजे तक
 
अभिजित मुहूर्त: सुबह 12:19 बजे से दोपहर 01:11 बजे तक
 
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:55 बजे से 03:47 बजे तक
 
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:15 बजे से 07:37 बजे तक
 
अमृत काल: सुबह 11:42 बजे से दोपहर 1:25 बजे तक
 
रवि योग: शाम 07:27 से सुबह 06:15 बजे तक, जुलाई 30।
 
आप अपनी सुविधानुसार इन शुभ मुहूर्तों में पूजा कर सकते हैं।
 
इस दिन आपको निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:
 
सुबह स्नान और संकल्प: 
- मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां मंगला गौरी (माता पार्वती) का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
 
पूजा की तैयारी:
- अपने घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें।
- एक चौकी पर सफेद और फिर लाल वस्त्र बिछाकर मां मंगला गौरी (पार्वती जी) की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- पूजा सामग्री एकत्र करें। मंगला गौरी व्रत में 16 की संख्या का विशेष महत्व होता है, इसलिए कोशिश करें कि सभी सामग्री 16 की संख्या में हों, जैसे:
- 16 मालाएं
- 16 लौंग, 16 सुपारी, 16 इलायची
- 16 फल, 16 पान के पत्ते
- 16 लड्डू या अन्य मिठाई
- सुहाग की सामग्री (सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी, काजल, महावर, चुनरी आदि)
- 5 प्रकार के मेवे और 7 प्रकार का अन्न
- कपास, धूप, देसी घी, लाल वस्त्र
- गंगाजल और शुद्ध जल
- घर पर बना भोग (जैसे खीर)
 
पूजा विधि:
- सबसे पहले आटे का एक दीपक बनाएं और उसमें 16 बातियां (रुई की बत्तियां) और देसी घी डालकर जलाएं।
- मां मंगला गौरी का गंगाजल से अभिषेक करें।
- फिर उन्हें लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
- मां को सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, हल्दी और शहद आदि अर्पित करें।
- कमल के फूलों की माला चढ़ाएं।
- 'ॐ मंगलाय नमः' या 'सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।' मंत्र का जाप करें।
- माता मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
- भगवान शिव की भी पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, गंगाजल आदि चढ़ाएं।
- मंगला गौरी व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। कथा के बिना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।
- पूजा के बाद घर-परिवार के लोगों को प्रसाद दें।
- जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।
 
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