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Last Updated : रविवार, 30 अगस्त 2020 (18:16 IST)

वैजयंती की माला से करें विष्णु की उपासना, जानिए 6 लाभ

Benefits of Vaijayanti Mala | वैजयंती की माला से करें विष्णु की उपासना, जानिए 6 लाभ
वैजयंती के वृक्ष पर बहुत ही सुंदर फूल उगते हैं। इसके फूल बहुत ही सुगंधित और सुंदर होते हैं। इसके बीजों की माला बनाई जाती है। वैजयंती के फूल भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को बहुत ही प्रिय है। आओ जानते हैं इसके 6 लाभ।

 
1. वैजयंती फूलों का बहुत ही सौभाग्यशाली वृक्ष होता है। इसकी माला पहनने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।
 
2. वैजयंती के बीजों की माला से भगवान विष्णु या सूर्यदेव की उपासना करने से ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव खत्म हो जाता है। खासकर शनि का दोष समाप्त हो जाता है। इस माला को धारण करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।

3. इसको धारण करने या प्रतिदिन इस माला से अपने ईष्ट का जप करने से नई शक्ति का संचार तथा आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है।

4. इस माला को धारण करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में मन लगाकर कार्य करता है।

5. मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में वैजयंती के बीजों की माला धारण करना बहुत ही शुभ फलदायक है। यह सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करता है।

6. वैजयंती माला से 'ऊं नमः भगवते वासुदेवाय' का मंत्र नित्य जापने से विवाह में आ रही हर प्रकार की बाधा दूर हो जाती है। जप के बाद केले के पेड़ की पूजा करना चाहिए।

वैजयंती माला का महत्व : एक कथा के अनुसार इन्द्र ने अंहकारवश वैजयंतीमाला का अपमान किया था, परिणामस्वरूप महालक्ष्मी उनसे रुष्ट हो गईं और उन्हें दर-दर भटकना पड़ा था। देवराज इन्द्र अपने हाथी ऐरावत पर भ्रमण कर रहे थे। मार्ग में उनकी भेंट महर्षि दुर्वासा से हुई। उन्होंने इन्द्र को अपने गले से पुष्पमाला उतारकर भेंटस्वरूप दे दी। इन्द्र ने अभिमानवश उस पुष्पमाला को ऐरावत के गले में डाल दिया और ऐरावत ने उसे गले से उतारकर अपने पैरों तले रौंद डाला। अपने द्वारा दी हुई भेंट का अपमान देखकर महर्षि दुर्वासा को बहुत क्रोध आया। उन्होंने इन्द्र को लक्ष्मीहीन होने का श्राप दे दिया।