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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 22 जनवरी 2025 (16:03 IST)

Republic Day Parade 2025: वंदे मातरम् और जन गण मन में क्या है अंतर?

Republic Day Parade 2025: वंदे मातरम् और जन गण मन में क्या है अंतर? - What is the difference between rashtrageet and rashtragaan
Republic Day 2025: वर्ष 2025 में हम अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे है और इस लेख के माध्यम से हम आपको बेहद ही महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। जी हां, यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बीच क्या अंतर होता है। यही हम आपको बताने जा रहे है। आइए जानते हैं...ALSO READ: Republic Day Parade 2025: दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र की 9 विशेषताएं
 
आपको बता दें कि 'राष्ट्रगीत' और 'राष्ट्रगान' देश के उन धरोहरों में से हैं, जिनसे देश की पहचान जुड़ी होती है और हर राष्ट्र के लिए 'राष्ट्रगीत' और 'राष्ट्रगान' की भावनाएं भले ही अलग-अलग हों, लेकिन राष्ट्रभक्ति की भावना की अभिव्यक्ति ही सभी की होती है।

यदि बात की जाए कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के अंतर्गत क्या अंतर होता है, तो बता दें कि इन दोनों के बीच प्रमुख अंतर यह होता है, कि राष्ट्रीय गान किसी भी देश का वह गीत होता है, जो उस देश के सभी राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर अनिवार्य रूप से गाया जाता है और जबकि राष्ट्रगीत वह गीत होता है, जो किसी भी राष्ट्रीय महत्व अवसर पर गाना अनिवार्य नहीं होता है। 
 
आज के आलेख में हम भारत के 'राष्ट्रगीत' और 'राष्ट्रगान' के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं, जिसको लेकर लोग अक्सर संशय में पड़ जाते हैं। दरअसल, दोनों के प्रति लोगों के मन में सम्मान का भाव रहता है, लेकिन कई बार लोग ठीक से बता नहीं पाते। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं भारत के राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बारे में।ALSO READ: Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस के निबंध में लिखें लोकतंत्र के इस महापर्व के असली मायने
 
राष्ट्रगान : जैसे कि भारत का राष्ट्रगान 'जन-गण-मन है', जिसे अनेक अवसरों पर बजाया या गाया जाता है। और इसकी रचना प्रख्यात साहित्यकार तथा कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था, लेकिन बाद में इसका हिन्दी और अंग्रेजी में भी अनुवाद कराया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान की रचना वर्ष 1911 में ही कर ली थी और इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता/ कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में गाया गया था। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा इसे स्वीकार किया गया। राष्ट्रगान के पूरे संस्करण को गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता है।ALSO READ: हर भारतीय को पता होने चाहिए गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े ये अनसुने रोचक तथ्य
 
राष्ट्रगान के समय बरते यह सावधानी : जैसा कि अधिकतर लोगों को नहीं पता होता कि राष्ट्रगान के समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल, राष्ट्रगान जब भी कहीं बजाया जाता है तो देश के प्रत्येक व्यक्ति/जनता या नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वो जहां कहीं बैठा है, तो उस जगह पर खड़ा हो जाए और सावधान मुद्रा में रहे राष्ट्रगान पूरा होने तक वहीं खड़ा रहे, हिले-डुले भी नहीं और ना ही किसी दूसरे स्थान पर जाए। साथ ही सभी को चाहिए कि वो भी राष्ट्रगान को दोहराएं।
 
भारत का राष्ट्रगीत क्या है, यहां जानते हैं : 'वंदे मातरम्' भारत का राष्ट्रगीत है और इसकी रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने की हैं। उन्होंने वंदे मातरम् की रचना साल 1882 में संस्कृत और बांग्ला मिश्रित भाषा में किया था। और यह गान स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। इस राष्ट्रगीत की अवधि भी लगभग 52 सेकेंड है। और इसे पहली बार वर्ष 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था।

बता दें कि इस राष्ट्रगीत को भी भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' के बराबर का ही दर्जा प्राप्त है। और इस तरह हमारे देश का राष्ट्रीय गान 'जन-गण-मन' है, तथा राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' है। और ये दोनों ही देशभक्ति तथा देश के लिए गाए जाते है।ALSO READ: देखना चाहते हैं गणतंत्र दिवस की परेड, जानिए कहाँ से खरीदें टिकट

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